सार

 भारत में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले 24 घंट में रिकॉर्ड 40 हजार 253 लोग संक्रमित मिले हैं। इसी के साथ देश में अब कुल मामले 11.18 लाख तक पहुंच गए हैं। लेकिन इस दौरान एक अच्छी खबर भी सामने आई। 

नई दिल्ली. भारत में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले 24 घंट में रिकॉर्ड 40 हजार 253 लोग संक्रमित मिले हैं। इसी के साथ देश में अब कुल मामले 11.18 लाख तक पहुंच गए हैं। लेकिन इस दौरान एक अच्छी खबर भी सामने आई। रविवार को 22 हजार से ज्यादा मरीज ठीक हुए हैं। अब तक भारत में 7 लाख से ज्यादा मरीज ठीक हो चुके हैं। 
देश में 63% मरीज ठीक हुए
देश में अब तक 7 लाख 399 मरीज ठीक हुए हैं। भारत में एक्टिव केस 3.89 लाख हैं। यानी करीब 63% रिकवरी रेट है। यानी यहां 100 संक्रमित व्यक्तियों में 63% ठीक हो रहे हैं। वहीं, 3.89 लाख लोगों का अभी भी इलाज चल रहा है।  

भारत में मृत्यु दर 2.45%
भारत में अन्य संक्रमित देशों की तुलना में मृत्यु दर काफी कम है। हालांकि, अब तक भारत में 27503 लोग इस महामारी से दम तोड़ चुके हैं। पिछले 24 घंटे में 675 लोगों की मौत हुई है। वहीं, अमेरिका में  4.21% और ब्राजील में  3.93% डेथ रेट है। 

सिर्फ 9 दिन में तीन लाख केस मिले
भारत में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। देश में पहले 1 लाख मामले 110 दिन में मिले थे। इसके बाद कोरोना ने तेजी से पैर पसारे। अब पिछले 9 दिन में 3 लाख केस मिले हैं।  
 

भारत में कैसे बढ़ रहे केस

केस  कितने दिन लगे
1 लाख110
2 लाख    15
3 लाख10
4 लाख08
5 लाख06
6 लाख05
7 लाख05
8 लाख  04
9 लाख03 
10 लाख03
11 लाख03


अब तक 1.34 करोड़ लोगों का हुआ टेस्ट 
अब तक यहां 1.34 करोड़ लोगों की कोरोना टेस्टिंग हो चुकी है। इनमें 8.02% लोग संक्रमित मिले हैं। अमेरिका में सबसे ज्यादा 4 करोड़ टेस्ट हुए हैं। इनमें 8.05% लोग पॉजिटिव पाए गए। सबसे खराब हालत ब्राजील की है। यहां अब तक 49 लाख लोगों की जांच हुई और इनमें 42.25% लोग संक्रमित मिले।  

भारत में 10 लाख पर 10 हजार लोगों की हो रही जांच
देश में हर 10 लाख लोगों पर सिर्फ 10 हजार लोगों की कोरोना टेस्टिंस हो रही है। यह अन्य देशों की तुलना में काफी कम है। दुनिया के 10 सबसे ज्यादा संक्रमित देशों की बात करें तो मैक्सिको के बाद भारत में सबसे कम जांच हो रही है। मैक्सिको में हर 10 लाख पर  6,195 लोगों की जांच हो रही है। 

इंग्लैंड इस मामले में पहले पायदान पर है। इंग्लैंड में 10 लाख लोगों पर 1.93 लाख लोगों की जांच हो रही है। रूस में इतनी आबादी पर 1.69 लाख और अमेरिका में  1.43 लाख लोगों की टेस्टिंग हो रही है।