सार
देश के भीतर अभी तक 90 प्रतिशत व्यस्क जनता को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है। वहीं 62 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिन्हें वैक्सीन की दोनों डोज दी जा चुकी है।
नई दिल्ली। कोरोना महामारी (COvid pandemic)के खिलाफ पूरे विश्व में अभियान चल रहा है। भारत ने भी इस साल कोरोना के खिलाफ एक और कदम आगे बढ़ाते हुए बच्चों को वैक्सीनेशन (Vaccination for Children) के अलावा बूस्टर शॉट (Booster Dose) का भी ऐलान किया। तीन जनवरी से देश में 15-18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए टीकाकरण शुरू किया गया। 10 जनवरी से देश में कोरोना वैक्सीन की ‘बूस्टर डोज’ लगाई जाएगी।
किसको दी जाएगी बूस्टर डोज?
कोरोना से सीधी लड़ाई लड़ रहे अग्रिम मोर्चे के कर्मियों (फ्रंटलाइन वर्कर्स) और हेल्थकेयर वर्कर्स को वैक्सीन की प्रिकॉशनरी डोज दी जाएगी। इसके साथ-साथ जो लोग 60 साल से ऊपर के हैं उन्हें वैक्सीन की तीसरी डोज यानि बूस्टर डोज दी जाएगी। भारत में तीसरी खुराक को बूस्टर डोज नहीं एहतियाती खुराक कहा गया है।
90 परसेंट एडल्ट्स को वैक्सीन की पहली डोज
देश के भीतर अभी तक 90 प्रतिशत व्यस्क जनता को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है। वहीं 62 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिन्हें वैक्सीन की दोनों डोज दी जा चुकी है।
देश में कैसी है तैयारी?
जैसे-जैसे वायरस के नए-नए रूप सामने आ रहे हैं, चुनौती का सामना करने की देश की क्षमता और आत्मविश्वास भी अभिनव भावना के साथ कई गुना बढ़ रहा है। आज देश में 18 लाख आइसोलेशन बेड, 5 लाख ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड, 1 लाख 40 हजार आईसीयू बेड, 90 हजार आईसीयू और नॉन आईसीयू बेड विशेष रूप से बच्चों के लिए, 3 हजार से ज्यादा पीएसए ऑक्सीजन प्लांट, 4 लाख ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध हैं। टीकाकरण और जांच तेज करने के लिए राज्यों को सहायता प्रदान की जा रही है।
किन्हें और क्यों दी जा रही बूस्टर डोज ?
सोमवार, 10 जनवरी से शुरू हो रही बूस्टर डोज प्रक्रिया में कोरोना वैक्सीन की एहतियाती खुराक अभी केवल फ्रंटलाइन वर्कर्स और हेल्थकेयर वर्कर्स को ही लगाई जाएगी। इनकी संख्या करीब 3 करोड़ के आसपास है। इनके अलावा 60 साल से ऊपर के ऐसे बुजुर्ग जो किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, उन्हें भी तीसरी डोज दी जाएगी।
डॉक्टर से परामर्श लेकर ही बुजुर्ग लें बूस्टर डोज
डॉक्टर से परामर्श लेकर बुजुर्ग तीसरी डोज ले सकते हैं। बुजुर्गों को तीसरी डोज दिए जाने की यह क्रम 9 महीने अर्थात 39 सप्ताह का होगा। क्योंकि इन्हें सबसे ज्यादा खतरा है। फ्रंटलाइन वर्कर्स और हेल्थ केयर वर्कर्स कोरोना से सीधी लड़ाई लड़ रहे हैं। ऐसे लोगों को वैक्सीन लगे कई महीने हो चुके हैं। क्योंकि देश में जब वैक्सीनेशन शुरू हुई थी तब भी सबसे पहले ही इन्हें ही वैक्सीन लगाई गई थी। समय के साथ इम्युनिटी कम होने लगती है। वहीं, कोरोना से बुजुर्गों को ज्यादा खतरा है। ऐसे बुजुर्ग जो किसी बीमारी से जूझ रहे हैं, उनकी जान जाने का खतरा ज्यादा है। इसलिए इन्हें तीसरी डोज लगाई जा रही है।
कितने अंतर से लगेगी वैक्सीन की तीसरी डोज
गाइडलाइन्स के मुताबिक, बूस्टर डोज उन्हें दी जाएगी जिन्हें वैक्सीन की दूसरी डोज लगे 9 महीने बीत गए हैं। मतलब यह है कि अगर आपने पिछले साल जनवरी से मार्च के बीच दूसरी डोज लगवाई होगी तो आप तीसरी डोज के पात्र होंगे।
कोई बीमारी नहीं, तब भी लगवा सकते हैं तीसरी डोज
अभी केवल उन्हीं बुजुर्गों को बूस्टर डोज लगाई जाएगी जो किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। ऐसे बुजुर्ग अपने डॉक्टर की सलाह पर तीसरी डोज ले सकते हैं। इसके लिए कोमोरबिडिटी सर्टिफिकेट जरूरी नहीं होगा।
कौन होंगे तीसरी डोज के पात्र
यदि आप तीसरी डोज के दायरे में आते हैं तो आपको सरकार की ओर से एक मैसेज भेजा जाएगा। तीसरी डोज का यह मैसेज कोविन प्लेटफॉर्म की ओर से भेजा जाएगा।
कौन सी वैक्सीन दी जाएगी
बूस्टर डोज में वही वैक्सीन दी जाएगी जिसकी पहली दो डोज पात्र को लगी होगी। अगर पात्र ने पहली दो डोज कोवैक्सीन की ली होंगी तो तीसरी डोज भी कोवैक्सीन की ही लगेगी। इसी तरह अगर पहली दो डोज कोविशील्ड की लगवाई होगी तो तीसरी डोज भी कोविशील्ड की ही लगेगी।
कैसे होगा रजिस्ट्रेशन
बूस्टर डोज के लिए अब फिर से रजिस्ट्रेशन करने की जरूरत नहीं होगी। क्योंकि कोविन पर आपका अकाउंट बन चुका है। अब बस मैसेज आने के बाद आप कोविन के जरिए बूस्टर डोज के लिए स्लॉट बुक कर सकते हैं।
बूस्टर डोज का सर्टिफिकेट भी मिलेगा
वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज पर मिलने वाले वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट की तरह बूस्टर डोज का सर्टिफिकेट भी मिलेगा।
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