सार

भारत की कुल आबादी के 80 प्रतिशत लोग शांतिपूर्वक पहले ब्रिटिस शासन और फिर सुप्रीम कोर्ट के सामने अपनी मांग रख रहे थे। यहां तक कि पुरातत्व विभाग के सर्वे में भी मंदिर होने की पुष्टि हुई। इसके बाद भी कई मीडिया संस्थानों ने पक्षपातपूर्ण खबर दिखाई।

एक आदमी का घर उस जगह पर है, जिसे आक्रमणकारियों ने लूटा था और पूरे इलाके को तबाह कर दिया था और उस आदमी को भी उसके ही घर से बाहर फेंक दिया गया था। उस आदमी पर भरोसा करने वाले लोग पिछले 500 सालों से उसके अधिकार के लिए लड़ रहे थे। सैकड़ों सालों के लंबे संघर्ष के बाद सुप्रीम कोर्ट ने वह जमीन उसके असली मालिक को दे दी। उस विवादित जमीन पर बाकी लोगों की भी श्रद्धा थी इस वजह से उन लोगों से जमीन छीनी नहीं गई बल्कि उनको किसी दूसरी जगह पर 5 एकड़ जमीन दे दी गई। यहीं पर यह मामला फंस गया। विदेशों से पैसे पाने वाले मीडिया ग्रुप और उसके सहायकों ने इस घटना को बिल्कुल अलग तरीके से दिखाया और जमीन के असली हकदारों को ही विलेन बना दिया। 

Abhinav Khare

यह संघर्ष पिछले 500 सालों से जारी था। भारत की कुल आबादी के 80 प्रतिशत लोग शांतिपूर्वक पहले ब्रिटिस शासन और फिर सुप्रीम कोर्ट के सामने अपनी मांग रख रहे थे। यहां तक कि पुरातत्व विभाग के सर्वे में भी मंदिर होने की पुष्टि हुई। इसके बाद भी कई मीडिया संस्थानों ने पक्षपातपूर्ण खबर दिखाई। राणा अय्यूब और बरखा दत्त के पिछले कुछ ट्वीट्स ने सिर्फ हिंसा ही भड़काई है। ऐसे लोग अपनी किताबें बेचने के लिए और अपना एजेंडा सेट करने के लिए दंगों का सहारा लेने से भी नहीं चूकते हैं। हिंदुओं को हर मोड़ पर गलत साबित करना ही इन लोगों का उद्देश्य है। 500 साल से चली आ रही लड़ाई जीतने के बाद भी हमें शांत रहने को कहा गया, क्योंकि जश्न मनाने से हिंसा भड़क सकती थी, पर हम सब उनके खिलाफ भी शांत रहे जो हिंसा भड़काते हैं।  

Deep Dive with Abhinav Khare

आखिर हिंदुओं को ही क्यों बार-बार पछताने पर मजबूर किया जाता है ? 
बाबर वह व्यक्ति है जिसे गलत तरीके से जमीन हथियाने के लिए पछतावा महसूस करना चाहिए। ये लोग पहले फैसला तय करते हैं और फिर वे इसके चारों ओर की कथा का निर्माण करते हैं। उन्होंने मुसलमानों को उस संप्रदाय के रूप में पेश किया है, जिन पर हमेशा से ही हिंदुओं ने अत्याचार किया है और फिर वे अपनी मान्यताओं के आधार पर अपनी कहानियां बनाते रहते हैं। आज का दौर सोशल मीडिया को है और हर किसी के पास जानकारी पहुंच जाती है। ASI प्रमुख केके मोहम्मद ने राम मंदिर के लिए लड़ाई लड़ी और ये लोग हिंसा भड़का रहे हैं। हमें हर हाल में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए और ऐसी घटिया बातों से बचना चाहिए। हमें इन लोगों के जाल में नहीं फंसना है और इनके इरादों को पूरा नहीं होने देना है।  

कौन हैं अभिनव खरे

अभिनव खरे एशियानेट न्यूज नेटवर्क के सीईओ हैं, वह डेली शो 'डीप डाइव विद अभिनव खरे' के होस्ट भी हैं। इस शो में वह अपने दर्शकों से सीधे रूबरू होते हैं। वह किताबें पढ़ने के शौकीन हैं। उनके पास किताबों और गैजेट्स का एक बड़ा कलेक्शन है। बहुत कम उम्र में दुनिया भर के 100 से भी ज्यादा शहरों की यात्रा कर चुके अभिनव टेक्नोलॉजी की गहरी समझ रखते है। वह टेक इंटरप्रेन्योर हैं लेकिन प्राचीन भारत की नीतियों, टेक्नोलॉजी, अर्थव्यवस्था और फिलॉसफी जैसे विषयों में चर्चा और शोध को लेकर उत्साहित रहते हैं। उन्हें प्राचीन भारत और उसकी नीतियों पर चर्चा करना पसंद है इसलिए वह एशियानेट पर भगवद् गीता के उपदेशों को लेकर एक सफल डेली शो कर चुके हैं।

अंग्रेजी, हिंदी, बांग्ला, कन्नड़ और तेलुगू भाषाओं में प्रासारित एशियानेट न्यूज नेटवर्क के सीईओ अभिनव ने अपनी पढ़ाई विदेश में की हैं। उन्होंने स्विटजरलैंड के शहर ज्यूरिख सिटी की यूनिवर्सिटी ETH से मास्टर ऑफ साइंस में इंजीनियरिंग की है। इसके अलावा लंदन बिजनेस स्कूल से फाइनेंस में एमबीए (MBA) भी किया है।