सार
इस भाग में कृष्ण अर्जुन को बता रहे हैं कि कैसे इस संसार से मोह खत्म करके भगवान को कैसे पाया जा सकता है। कृष्ण अर्जुन को समझाते हैं कि ब्रह्मांड का मूल सार भगवान है और कृष्ण पृथ्वी पर अवतारों में से एक हैं।
इस भाग में कृष्ण अर्जुन को बता रहे हैं कि कैसे इस संसार से मोह खत्म करके भगवान को कैसे पाया जा सकता है। कृष्ण अर्जुन को समझाते हैं कि ब्रह्मांड का मूल सार भगवान है और कृष्ण पृथ्वी पर अवतारों में से एक हैं। लोग अकसर कृष्ण को समझने में भूल कर देते हैं। कृष्ण ने भक्तों को चार श्रेणियों में बांटा है। एक वह जो संकट में होता है, एक वह जो शक्ति चाहता है। एक सत्ता चाहता है तो एक साधू होता है। साधू यानी संत वह होता है जो ध्यान लगातार शांति पाता है। उसे अपने बारे में और भगवान के बारे में पूरा ज्ञान होता है। जिन लोगों ने इस ज्ञान को प्राप्त कर लिया, वे ही पूर्ण स्वतंत्रत हैं और प्रकृति की कार्रवाई को जानते हैं।
पसंदीदा श्लोक
रसोऽहमप्सु कौन्तेय प्रभास्मि शशिसूर्ययो: |
प्रणव: सर्ववेदेषु शब्द: खे पौरुषं नृषु || श्लोक – 8
भगवान कृष्ण कहते हैं। वे पानी के स्वाद की तरह हैं। वे सूर्य और चंद्रमा की चमक (कांति) हैं। वे ऊं जैसे पवित्र शब्द हैं जिसका वेदों में वर्णन है। वे ध्वनी हैं। मनुष्यों की मौजूदगी हैं।
Abhinav Khare
इस अध्याय में कृष्ण अध्यात्म की बात कर रहे हैं। इस बार वे भगवान तक पहुंचने का मार्ग बता रहे हैं। हालांकि इससे पहले उन्होंने मुक्ति प्राप्त करने पर जोर दिया था। कृष्ण आगे कहते हैं कि वे वास्तव में न केवल ब्रह्मांड का बल्कि पूरे भौतिक जगत का सार हैं। वे सिर्फ इंसान की देह में अवतरित हुए हैं। वे कुछ इस तरह है कि लोग उन्हें ना देख सकते हैं और ना ही समझ सकते हैं। कृष्ण कहते हैं कि लोग आमतौर पर उनकी पूजा तब करते हैं, जब वे ये समझ जाते हैं कि वे जिन अन्य देवताओं की पूजा करते हैं, वे उन सभी देवताओं के ऊपर हैं। इसी आधार पर कहा जा सकता है कि कृष्ण सभी देवताओं में सुप्रीम हैं।
कौन हैं अभिनव खरे
अभिनव खरे एशियानेट न्यूज नेटवर्क के सीईओ हैं, वह डेली शो 'डीप डाइव विथ अभिनव खरे' के होस्ट भी हैं। इस शो में वह अपने दर्शकों से सीधे रूबरू होते हैं। वह किताबें पढ़ने के शौकीन हैं। उनके पास किताबों और गैजेट्स का एक बड़ा कलेक्शन है। बहुत कम उम्र में दुनिया भर के सौ से भी ज्यादा शहरों की यात्रा कर चुके अभिनव टेक्नोलॉजी की गहरी समझ रखते है। वह टेक इंटरप्रेन्योर हैं लेकिन प्राचीन भारत की नीतियों, टेक्नोलॉजी, अर्थव्यवस्था और फिलॉसफी जैसे विषयों में चर्चा और शोध को लेकर उत्साहित रहते हैं। उन्हें प्राचीन भारत और उसकी नीतियों पर चर्चा करना पसंद है इसलिए वह एशियानेट पर भगवद् गीता के उपदेशों को लेकर एक सक्सेजफुल डेली शो कर चुके हैं।
अंग्रेजी, हिंदी, बांग्ला, कन्नड़ और तेलुगू भाषाओं में प्रासारित एशियानेट न्यूज नेटवर्क के सीईओ अभिनव ने अपनी पढ़ाई विदेश में की हैं। उन्होंने स्विटजरलैंड के शहर ज्यूरिख सिटी की यूनिवर्सिटी ETH से मास्टर ऑफ साइंस में इंजीनियरिंग की है। इसके अलावा लंदन बिजनेस स्कूल से फाइनेंस में एमबीए (MBA)भी किया है।