सार
गणतंत्र दिवस पर लाल किला पर तिरंगे के बगल में झंडा लगाने के आरोपी दीप सिद्धू ने गुरुवार को सुबह 2 बजे फेसबुक पर लाइव किया। वीडियो में दीप ने कहा कि वह दिल्ली के पास बॉर्डर पर है। खुद को गद्दार कहे जाने पर दीप सिद्धू ने आतत्ति जताई। कहा, तुमने मुझे गद्दार का सर्टिफिकेट दिया है, अगर मैंने तुम्हारी परतें खोलनी शुरू कर दीं तो तुम्हें दिल्ली से भागने का रास्ता नहीं मिलेगा।
नई दिल्ली. गणतंत्र दिवस पर लाल किला पर तिरंगे के बगल में झंडा लगाने के आरोपी दीप सिद्धू ने गुरुवार को सुबह 2 बजे फेसबुक पर लाइव किया। वीडियो में दीप ने कहा कि वह दिल्ली के पास बॉर्डर पर है। खुद को गद्दार कहे जाने पर दीप सिद्धू ने आतत्ति जताई। कहा, तुमने मुझे गद्दार का सर्टिफिकेट दिया है, अगर मैंने तुम्हारी परतें खोलनी शुरू कर दीं तो तुम्हें दिल्ली से भागने का रास्ता नहीं मिलेगा।
वीडियो में दीप ने कहा, मैं कोई गद्दार नहीं हूं। मैं लोगों को लाल किला तक नहीं ले गया। यह उन्हीं लोगों का फैसला था। किसी ने उन्हें नहीं भड़काया। दीप ने कहा कि जो किसान नेता उसे देशद्रोही कह रहे हैं उन्हें शर्म आनी चाहिए।
आरएसएस एजेंट पर दिया जवाब
दीप सिद्धू ने कहा कि किसान नेताओं ने स्टेज से उकसाने वाले भाषण देकर किसानों को दिल्ली बुलाया था। उसने यहां तक कहा कि वे केंद्र की आंखों और कानों को खोलने के लिए दिल्ली से टकराएंगे।
दीप सिद्धू ने कहा, मुझे लोग आरएसएस-भाजपा का एजेंट कह रहे हैं। क्या ऐसा कोई शख्स लालकिले पर निशान साहिब का झंडा लगाएगा।
उसने कहा, किसान यूनियन के नेताओं को लाल किले पर किसान और खालसा झंडा फहराने वाले लोगों का समर्थन करना चाहिए था। तिरंगा नहीं गिराया गया था। जब तक मैं वहां था तब तक कोई हिंसा नहीं हुई थी। सिद्धू ने कहा कि लाल किले में लोगों ने जो किया, उसके लिए सरकार ने काले (खेत) कानूनों को निरस्त करने का दबाव बनाया। उसने कहा, सरकार को बताना चाहिए कि अगर किसान लाल किले तक पहुंच सकते हैं तो वे विरोध में कुछ भी कर सकते हैं।