सार
कोरोना महामारी के बीच संक्रमित व्यक्तियों से जुड़ा डेटा डिलीट करने का मामला सामने आया है। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने इस आरोप में एक इंजीनियर को गिरफ्तार किया है। इंजीनियर पर इजी सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का डेटा बेस हैक करने और 18000 डेटा डिलीट करने के आरोप लगा है। ये कंपनी कोविड और दूसरे अस्पतालों के लिए काम करती थी।
नई दिल्ली. कोरोना महामारी के बीच संक्रमित व्यक्तियों से जुड़ा डेटा डिलीट करने का मामला सामने आया है। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने इस आरोप में एक इंजीनियर को गिरफ्तार किया है। इंजीनियर पर इजी सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का डेटा बेस हैक करने और 18000 डेटा डिलीट करने के आरोप लगा है। ये कंपनी कोविड और दूसरे अस्पतालों के लिए काम करती थी।
3 लाख मरीजों का डेटा डिलीट
कंपनी ने शिकायत दर्ज कराई है कि किसी ने कंपनी का सर्वर हैक करके करीब 3 लाख पेशेंट के 18000 डेटा डिलीट कर दिया है।
22 हजार गलत एंट्रीज अपलोड की
शिकायत में यह भी कहा गया है कि 22 हजार गलत एंट्रीज अपलोड की गईं। मामले की गंभीरता को देखते हुए डीसीपी विजयंता आर्या ने साइबर सेल इंस्पेक्टर संजय कुमार और एसीपी केजी त्यागी की सुपर्विसन में एक टीम बनाई है।
आईपी एड्रेस से पकड़ा गया इंजीनियर
पुलिस ने आईपी एड्रेस की पड़ताल की तो पता चला कि वो शाहदरा इलाके में एक्टिव है। पुलिस ने छापा मारकर विकेश शर्मा नाम के सॉफ्टवेयर इंजीनियर को गिरफ्तार कर लिया।
बदला लेने के लिए डेटा डिलीट किया
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, आरोपी उसी कंपनी का पूर्व कर्मचारी है। विकेश शर्मा की लॉकडाउन के दौरान नौकरी चली गई। इसी के चलते उसने कंपनी से बदला लेना लेने के लिए ऐसा किया। उसे कंपनी के स्ट्रक्चर और लूप होल्स के बारे में पूरे जानकारी थी। विकेश को लग रहा था कि कंपनी इतना बड़ा नुकसान होने के बाद उसे वापस बुला सकती है।