सार
दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में वायु प्रदूषण (Air Pollution) रोकने सरकारों ने अब तक क्या उपाय किए; इसी की समीक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट में आज फिर सुनवाई की। इसमें हफ्तेभर के अंदर कंस्ट्रक्शन पर लगे बैन हटाने की छूट दी है। पिछली सुनवाई के दौरान SC ने केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों को फटकारा था। इसके बाद केंद्र सरकार ने एक टॉस्क फोर्स सहित 40 उड़न दस्तों(flying squads) का गठन किया था।
नई दिल्ली.नई दिल्ली. Delhi-NCR को वायु प्रदूषण(Air Pollution) से अभी भी ठीक से निजात नहीं मिली है। हां, पिछले दिनों की अपेक्षा प्रदूषण कम जरूर हुआ है। वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान की प्रणाली(SAFAR-India) के अनुसार, वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) वर्तमान में दिल्ली में ओवरऑल 293 है, जो खराब स्थिति में है। इस बीच आज सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर सुनवाई हुई। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को एक हफ्ते के भीतर निर्माण गतिविधियों और औद्योगिक गतिविधियों पर प्रतिबंध हटाने पर निर्णय लेने की छूट दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (Commission for Air Quality Management, AQMC) को एक सप्ताह में विभिन्न आवेदनों और आपत्तियों पर गौर करना है। इन पर जरूरी कदम उठाना है। स्कूल खोलने, औद्योगिक इकाइयां खोलने समेत अन्य सभी राहतों के बारे में आयोग एक सप्ताह में गौर करेगा। इसके बाद कोई निर्णय लिया जाएगा।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई थी
पिछली सुनवाई के दौरान SC ने केंद्र और दिल्ली दोनों सरकारों को फटकार लगाई थी। इसके बाद केंद्र इसके बाद केंद्र सरकार ने एक टॉस्क फोर्स सहित 40 उड़न दस्तों(flying squads) का गठन किया था। सुप्रीम कोर्ट इसी मामले की रिपोर्ट लेगा। साथ ही दिल्ली और आसपास के इलाकों में निर्माण कार्य पर लगी रोक हटाने का भी फैसला आ सकता है। 3 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में वायु प्रदूषण (Air Pollution) के बीच हरियाणा सरकार (Haryana Government) ने एनसीआर के 4 जिलों के सभी स्कूलों को फिर से बंद करने का आदेश दिया था। इसके साथ ही 14 जिलों में निर्माण कार्यों पर भी रोक लगाई है। जेनरेटर भी बंद रखने के आदेश जारी किए थे।
कोर्ट ने नाराजगी जताई थी
NCR में होने वाले प्रदूषण को रोकने केंद्र सरकार ने पिछले साल एक आयोग का गठन किया था। लेकिन इसकी नाकामी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में नाराजगी जताई थी। चीफ जस्टिस एन वी रमना, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने जब संकेत दिए कि वो अपनी तरफ से एक टास्क फोर्स का गठन करेंगे। साथ ही साथ फ्लाइंग स्क्वाड भी बनाएंगे, तब केंद्र सरकार ने नया हलफनामा दाखिल कर दिया था।
पाकिस्तान को माना जा रहा दोषी
3 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से वकील रंजीत कुमार ने तर्क दिया था कि दिल्ली की तरफ यूपी की ओर से हवा नहीं जा रही है। ये दूषित हवाएं पाकिस्तान से आ रही हैं। इन हवाओं से यूपी खुद परेशान है। इस पर चीफ जस्टिस चीफ जस्टिस एनवी रमना(NV Ramana) ने मजाकिया लहजे में कहा कि तो क्या आप पाकिस्तान के उद्योग बंद करवाना चाहते हैं?
50 तक AQI माना जाता है अच्छा
एयर क्वालिटी इंडेक्स 0 से 50 के बीच अच्छा माना जाता है। 51 से 100 के बीच यह संतोषजनक, जबकि 101 से 200 के बीच मध्यम माना जाता है। 201 से 300 के बीच यह खराब श्रेणी में आता है और 301 से 400 के बीच बेहद खराब। 401 से 500 के बीच एयर क्वालिटी इंडेक्स गंभीर श्रेणी में आता है।
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