सार

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शराब घोटाला केस में पूछताछ के लिए सीबीआई मुख्यालय पहुंच गए हैं। सीबीआई के अधिकारी उनसे सवाल पूछ रहे हैं। इससे पहले केजरीवाल ने कहा कि वह सभी सवालों के जवाब देंगे। 

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शराब घोटाला केस में पूछताछ के लिए सीबीआई मुख्यालय पहुंचे थे। सीबीआई ने करीब 9 घंटे तक अरविंद केजरीवाल से पूछताछ की है। हालांकि, सीबीआई ने उनसे फिर से पूछताछ के लिए नहीं बुलाया है। सीबीआई दफ्तर पहुंचने से पहले अरविंद केजरीवाल राजघाट गए और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी मौजूद थे।

बीजेपी ने कहा तो सीबीआई कर लेगी गिरफ्तार
अपने घर पर रविवार सुबह हाई लेवल बैठक के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा, "बीजेपी के लोगों ने कहा तो सीबीआई के अधिकारी मुझे गिरफ्तार कर लेंगे। बीजेपी के कुछ नेता मेरी गिरफ्तारी के बारे में बात कर रहे हैं।"

संबित पात्रा बोले- केजरीवाल को सत्ता, पद और भ्रष्टाचार के पैसे से है प्यार
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, "अरविंद केजरीवाल ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि वह भारत से बहुत प्यार करते हैं। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि वह केवल ताकत, पद और भ्रष्टाचार के पैसे से प्यार करते हैं। उन्हें मेरी सलाह है कि भारत को अपमानित नहीं करें। अरविंद केजरीवाल सोचते हैं कि वे दस्ताने पहनकर भ्रष्टाचार कर सकते हैं। उनके अपराध का पता नहीं चलेगा। अगर वह ऐसा सोचते हैं तो गलत हैं। घटनास्थल पर किसी के उंगलियों के निशान नहीं पाए जाने का यह मतलब नहीं है कि उसने अपराध नहीं किया।"

शुक्रवार को मिला था सीबीआई का समन
अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार को सीबीआई का समन मिला था। इसके बाद आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया था कि केंद्र की भाजपा सरकार अरविंद केजरीवाल को जेल में डालने की साजिश पर काम कर रही है। आप नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा था कि आप के राष्ट्रीय पार्टी बनने के कारण दबाव डाला जा रहा है।

गौरतलब है कि आबकारी नीति मामले की जांच कर रही सीबीआई ने अरविंद केजरीवाल के निजी सहायक बिभव कुमार से पूछताछ की है। उससे पूछा गया है कि आबकारी नीति के संबंध में केजरीवाल ने किसने बात या मुलाकात की। ईडी ने भी बिभव कुमार से पूछताछ की है।

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क्या है मामला?
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए नई आबकारी नीति तैयार की थी। इसके जरिए भ्रष्टाचार करने के आरोप लगे तो सरकार ने वापस ले लिया और पुरानी नीति लागू की। दिल्ली के उपराज्यपाल ने सीबीआई को मामले की जांच के लिए पत्र लिखा था। इसके बाद सीबीआई ने केस दर्ज किया था। आरोप लगाए गए हैं कि नई शराब नीति का इस्तेमाल कर मनीष सिसोदिया (उस वक्त आबकारी विभाग सिसोदिया के पास था) ने अपने करीबी शराब व्यापारियों को लाइसेंस दिलाया और इससे बदले रिश्वत ली। इस घोटाले में हुई मनी लॉन्ड्रिंग की जांच ED कर रही है।

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