सार

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। आईएनएक्स मीडिया से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कोर्ट ने जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। जज सुनील गौर ने याचिका को खारिज करने का फैसला सुनाया है।

नई दिल्ली. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। आईएनएक्स मीडिया से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कोर्ट ने जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। इससे पहले 25 जनवरी को जज सुनील गौर ने मामले में फैसले को सुरक्षित रख लिया था। गिरफ्तारी से बचने के लिए अब चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हालांकि, हाईकोर्ट से जमानत याचिका रद्द होते ही सीबीआई और ईडी चिदंबरम के घर पहुंच गई।

 

सीबीआई और ईडी ने किया जमानत का विरोध
इससे पहले सीबीआई और ईडी ने कोर्ट में चिदंबरम की इस याचिका का विरोध किया था। जांच एजेंसियों की तरफ से कहा गया है कि उन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ करना जरूरी है। एजेंसियों का कहना है कि चिदंबरम ने वित्तमंत्री रहते मीडिया समूह को 2007 में विदेश से 305 करोड़ रुपये प्राप्त करने के लिए विदेश निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) को मंजूरी दी थी। ईडी की तरफ से दलील में कहा-  जिन कंपनियों में राशि ट्रांसफर की गई है। सभी को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर चिदंबरम के पुत्र कार्ति कंट्रोल कर रहे थे। INX मीडिया को एफआईपीबी मंजूरी उनके बेटे के कहने पर दी गई। 

क्या है मामला
दरअसल, यूपीए 1 में चिदंबरम वित्तमंत्री थी। इस दौरान एफआईपीबी ने दो एंटरप्राइस को मंजूरी दी थी। INX मीडिया मामले में सीबीआई ने 15 मई 2017 को एफआईआर दर्ज की थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि वित्तमंत्री रहते चिदंबरम के कार्यकाल के समय साल 2007 में 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशी प्राप्त करने में एफआईपीबी मंजूरी में अनियमितताएं हुई हैं। ईडी ने पिछले साल उनपर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।