सार

पराली संकट से छुटकारा दिलाने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज नजफ़गढ़ केंद्र पर बायो-डी कंपोजर(bio decomposer solution) का घोल बनाने की प्रक्रिया का शुभारंभ किया।

नई दिल्ली. फसल कटाई के बाद पराली एक बड़ी समस्या रही है। किसानों द्वारा पराली जलाने से पॉल्युशन फैलता है। दिल्ली में तो यह समस्या सबसे अधिक होती है। अब इस समस्या का जल्द समाधान निकलने जा रहा है। शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नजफ़गढ़ केंद्र पर बायो डी-कम्पोजर घोल बनाने की प्रक्रिया शुरू की।

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केजरीवाल ने बताया
अरविंद केजरीवाल ने बताया कि पिछली बार दिल्ली में लगभग 300 किसानों ने बायो डी-कंपोजर घोल अपनाया था और 1950 एकड़ में इसे डाला गया था। इस बार 4200 एकड़ में ये घोल डाला जा रहा है और 844 किसान इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।

खेतों में कटाई के बाद होगा बायो-डी कंपोजर का छिड़काव
दिल्ली सरकार ने इस साल बासमती और नॉन बासमती खेतों में कटाई के बाद बची पराली पर बायो डी-कंपोजर का छिड़काव कराने का ऐलान किया है। इस समय कृषि विभाग गांव-गांव जाकर किसानों को बायो डी-कंपोजर के छिड़काव को लेकर जागरूक रहा है। साथ ही एक सर्वे भी किया जा रहा है।

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इस साल 4200 एकड़ खेत में होगा छिड़काव
पिछले साल साउथ-वेस्ट दिल्ली के 1700 एकड़ खेतों में बायो डी-कंपोजर का छिड़काव कराया गया था। इस बार सरकार ने एक सर्वे कराया है। इसमें 4200 एकड़ खेत पर यह छिड़काव करने किसानों ने रजामंदी दी है।

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सरकार ने बनाई है 25 सदस्यीय टीम
दिल्ली सरकार ने कृषि अधिकारियों के साथ 25 सदस्यीय तैयारी समिति का गठन किया है। यह टीम किसानों से सर्वे फॉर्म भरवा रही है।

बायो डी-कंपोजर पराली को खाद में बदलेगा
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने 4 कैप्सूल का एक पैकेट तैयार किया है। इससे 25 लीटर का घोल बनाया जा सकता है। इसके छिड़काव से पराली खाद में बदल जाएगी। 

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