सार

कोरोना वायरस से जुझ रही दुनिया के सभी देशों की निगाहें अब कोविड वैक्सीन के इंतजार पर पर टिकी हुई है। इस इंतज़ार की रफ़्तार फ़िलहाल इसलिए धीमी हो गई है क्योंकि ऑक्सफोर्ड के वैक्सीन ट्रायल में एक महिला वालंटियर की तबीयत ख़राब होने पर सभी ट्रायल्स रोक दिए गए हैं। इसके बावजूद ऑक्सफोर्ड की सहयोगी एस्ट्राजेनेका ने दावा किया है कि वैक्सीन इस साल के अंत तक आ सकती है।
 

नई दिल्ली.कोरोना वायरस से जुझ रही दुनिया के सभी देशों की निगाहें अब कोविड वैक्सीन के इंतजार पर पर टिकी हुई है। इस इंतज़ार की रफ़्तार फ़िलहाल इसलिए धीमी हो गई है क्योंकि ऑक्सफोर्ड के वैक्सीन ट्रायल में एक महिला वालंटियर की तबीयत ख़राब होने पर सभी ट्रायल्स रोक दिए गए हैं। इसके बावजूद ऑक्सफोर्ड की सहयोगी एस्ट्राजेनेका ने दावा किया है कि वैक्सीन इस साल के अंत तक आ सकती है।
 

एस्ट्राजेनेका के सीईओ पास्कल सोरियोट ने बताया कि ऑक्सफ़ोर्ड के ट्रायल में जो हुआ, उसके बाद भी उनका वैक्सीन इसी साल के अंत तक मार्केट में आ सकती है। निवेशकों को भरोसा दिलाते हुए पास्कल ने बताया कि यह ब्रेक टेम्पररी है जिसे अगले ट्रायल्स जल्द आगे बढ़ाएंगे। बता दें कि डब्ल्यूएचओ के वैज्ञानिकों ने भी कहा था कि ट्रायल पर ब्रेक लगना भी अच्छा है।

भारत में भी सिरम ने रोके सभी ट्रायल

ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका के ट्रायल में महिला वालंटियर की शिकायत पर इसकी जांच शुरू हो चुकी है। भारत में अब तक सिरम इंस्टीटयूट के माध्यम से ऑक्सफ़ोर्ड की वैक्सीन कुल 100 भारतीयों पर लगाई जा चुकी है लेकिन भारत में फ़िलहाल सिरम इंस्टीटयूट ने ऑक्सफ़ोर्ड के वैक्सीन ट्रायल को रोक दिया है। दुनियाभर में कोरोना की 180 वैक्सीन बन रही है जिसमें से 35 वैक्सीन पर ह्यूमन ट्रायल्स चल रहे हैं।