सार

इंडिगो ने रांची से फ्लाइट के दौरान एक विकलांग युवक को उड़ान से रोक दिया था। डीजीसीए ने इंडिगो पर पांच लाख का जुर्माना लगाने के साथ सिविल एविएशन नियमों में संशोधन का प्रस्ताव दिया है। अब कोई भी एयरलाइन्स किसी भी व्यक्ति को उसकी विकलांगता के आधार पर फ्लाइट से नहीं रोक सकती है।

नई दिल्ली। कोई भी एयरलाइन विकलांग व्यक्ति को उड़ान भरने से मना नहीं कर सकती है। अगर एयरलाइन्स को लगता है कि फ्लाइट लेने वाले व्यक्ति की तबियत खराब हो सकती है तो उस व्यक्ति का मेडिकल कराया जा सकता है। हवाई यात्रा के लिए देश के टॉप रेगुलेटर (DGCA) ने शुक्रवार को हवाई यात्रा के लिए प्रस्तावित नियमों में संशोधन के लिए सुझाव मांगे है। एक हफ्ते पहले ही इंडिगो द्वारा एक विकलांग को फ्लाइट से मना करने पर डीजीसीए ने इंडिगो कंपनी पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया है। विकलांग युवक को रांची से फ्लाइट में सवार होना था लेकिन उसे रोक दिया गया था।

दो जुलाई तक कोई भी भेज सकता है सुझाव

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (Directorate General of Civil Aviation) ने जनता से 2 जुलाई तक मसौदा नियमों के बारे में अपनी टिप्पणी भेजने को कहा है, जिसके बाद वह अंतिम नियम जारी करेगा। डीजीसीए ने कहा कि एयरलाइन विकलांगता के आधार पर किसी भी व्यक्ति को ले जाने से मना नहीं करेगी। हालांकि, अगर किसी एयरलाइन को लगता है कि ऐसे यात्री का स्वास्थ्य उड़ान के दौरान खराब हो सकता है, तो उक्त यात्री की डॉक्टर से जांच करानी होगी। इसमें कहा गया है कि चिकित्सक स्पष्ट रूप से चिकित्सा स्थिति के बारे में बताएगा और यात्री उड़ान भरने के लिए फिट है या नहीं। चिकित्सकीय राय प्राप्त करने के बाद, एयरलाइन उचित कॉल करेगी।

विकलांग युवक को नहीं उड़ान भरने दिया

इंडिगो ने एक विकलांग युवक को एक सप्ताह पहले रांची से उड़ान भरने से रोक दिया था। परिवार ने बयान जारी कर आहत होने की जानकारी दी। परिवार ने बताया कि वह दहशत की स्थिति में है। ऐसा उसके साथ व्यवहार किया गया कि अन्य यात्रियों के लिए खतरा है। 

सिविल एविएशन मंत्री ने लिया संज्ञान

मामला तूल पकड़ने के बाद एयरलाइन ने भी बयान जारी किया। उधर, घटना के कुछ ही दिन बाद नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर बताया कि इस तरह के व्यवहार के प्रति जीरो टॉलरेंस है। किसी भी इंसान को इससे नहीं गुजरना चाहिए! मैं खुद मामले की जांच कर रहा हूं, जिसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। केंद्रीय मंत्री के संज्ञान में लेने के अलावा डीजीसीए ने उस समय कहा था कि ऐसी स्थितियों को रोकने के लिए, वह अपने नियमों पर फिर से विचार करेगा और आवश्यक बदलाव लाएगा।

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