सार

आईएलबीएस ( ILBS Hospital Delhi) के निदेशक डॉक्टर एस के सरीन ने कहा, प्लाज्मा थेरेपी कोई नई नहीं है। ये 100 सालों से ज्यादा समय से मौजूद है। सबसे पहले इसका इस्तेमाल 1918 की महामारी में हुआ था।  

नई दिल्ली. कोरोना महामारी की अभी कोई दवा नहीं मिली है, ऐसे में प्लाज्मा थेरेपी को इलाज का एक विकल्प माना जा रहा है। सीएम केजरीवाल ने भी कहा कि प्लाज्मा थेरेपी के नतीजे अच्छे आए हैं। इस बीच आईएलबीएस ( ILBS Hospital Delhi) के निदेशक डॉक्टर एस के सरीन ने कहा, प्लाज्मा थेरेपी कोई नई नहीं है। ये 100 सालों से ज्यादा समय से मौजूद है। सबसे पहले इसका इस्तेमाल 1918 की महामारी में हुआ था। 6-10 मरीजो की दो छोटी स्टडी हुई हैं, जिसमें ये पता चला है कि ये कोरोना वायरस में ये उपयोगी हो सकती है। 

एक मैजिक बुलेट की तरह न लें
डॉक्टर एस के सरीन ने बताया, प्लाज्मा थेरेपी उपचार का एकमात्र तरीका नहीं है। ऐसा नहीं है कि ये सभी मरीजों में कारगर होगी ही। जो खून ठीक हुए मरीज दे रहे हैं उसमें अच्छी मात्रा में एंटीबाडीज होनी चाहिए। हमें इसे एक मैजिक बुलेट की तरह नहीं लेना चाहिए। 

क्या है प्लाज्मा थेरेपी?
कोरोना से ठीक हो चुके मरीज के शरीर से प्लाज्मा लिया जाता है। प्लाज्मा खून में बनता है, इससे एक से दो लोगों को ठीक कर सकते हैं। प्लाज्मा थेरेपी में एंटीबॉडी का इस्तेमाल किया जाता है। किसी वायरस खिलाफ शरीर में एंटीबॉडी तभी बनता है, जब व्यक्ति संबंधित वायरस से पीड़िता हो। जैसे कि जो व्यक्ति कोरोना से पीड़ित होने के बाद ठीक हो गया, उस व्यक्ति के शरीर में कोरोना वायरस के खिलाफ एंडीबॉडी बनता है। यह एंटीबॉडी तब ही बनता है जब मरीज ठीक हो जाता है, बीमार रहने के दौरान शरीर में तुरन्त एंटीबॉडी नहीं बनता है। कोरोना से जो व्यक्ति ठीक हो चुकी है उसके शरीर में एंटीबॉडी बना होता है। वह एंटीबॉडी उसके शरीर से निकालकर कोरोना संक्रमित व्यक्ति के शरी में डाल दिया जाता है। इससे मरीज के ठीक होने की संभावना ज्यादा होती है। 
 

केजरीवाल ने की थी प्लाज्मा थेरेपी की तारीफ
दिल्ली में कोरोना मरीज के प्लाज्मा से थेरेपी का सफल ट्रायल हुआ। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, नतीजे अच्छे आए हैं। 2 मरीज जल्द डिस्चार्ज होने वाले हैं। केजरीवाल ने बताया, हाल ही में दिल्ली के प्राइवेट अस्पताल में आईसीयू में भर्ती एक गंभीर मरीज पर भी कोरोना से ठीक हुए शख्स के प्लाज्मा से इलाज हुआ। उसे भी छुट्टी मिल गई। 

नहीं कहा जा सकता कि कोरोना का इलाज मिल गया
केजरीवाल ने कहा, शुरुआती दौर में यह काफी सफल नजर आ रही है। लेकिन अभी इसे ऐसा नहीं कहा जा सकता है कि कोरोना का इलाज मिल गया। उन्होंन कहा, मंगलवार को 2 मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी दी गई थी। इन्हें आज आईसीयू से छुट्टी मिल जाएगी। वहीं, 2 और मरीजों को कल प्लाज्मा दिया गया था, 24 घंटे में काफी अच्छे नतीजे देखने को मिले हैं। आज दो-तीन मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी दी जाएगी।

प्लाज्मा डोनेट करने की अपील की
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कोरोना से ठीक हुए मरीजों से अपील की कि वे अपना प्लाज्मा डोनेट करें। उन्होंने बताया कि प्लाज्मा थैरेपी गंभीर मरीजों को ही दी जा रही है। आपका प्लाज्मा लोगों की जान बचाने में काम आ सकता है।