सार
देश में जारी कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच 25 मई से घरेलू उड़ान की शुरूआत की गई। हालांकि, प बंगाल और आंध्रप्रदेश में अभी भी सेवा बंद रहेगी। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन के चलते 25 मार्च से उड़ान सेवा बंद थी।
नई दिल्ली. देश में जारी कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच 25 मई से घरेलू उड़ान की शुरूआत की गई। हालांकि, प बंगाल और आंध्रप्रदेश में अभी भी सेवा बंद रहेगी। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन के चलते 25 मार्च से उड़ान सेवा बंद थी।
इससे पहले सिविल एविएशन मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी ने रविवार को कहा, लंबी और कठिन बातचीत के बाद देश में घरेलू उड़ान सेवा शुरू हो जाएगी।
मुंबई से सीमित उड़ानें
इस बारे में जानकारी देते हुए हरदीप पुरी ने कहा, मुंबई से सीमित फ्लाइट उड़ान भरेंगी। यह राज्य के अन्य एयरपोर्टों की उड़ानों का एक तिहाई होगा। उन्होंने बताया कि बंगाल से 28 मई को सीमित उड़ानें शुरू हो जाएंगी।
तमिलनाडु में सिर्फ 25 फ्लाइटें उतरेंगी
उन्होंने बताया, राज्य सरकार के अनुरोध पर आंध्रप्रदेश में 26 मई से उड़ानें शुरू होंगी। वहीं, तमिलनाडु के चेन्नई में सिर्फ 25 फ्लाइटें उतर सकेंगी। हालांकि, यहां से उड़ान भरने वाली फ्लाइटों की संख्या सीमित नहीं है। वहीं, तमिलनाडु के अन्य शहरों से देश के बाकी भागों की तरह ही उड़ानें होंगी।
यात्रा से पहले इन बातों का रखना होगा ध्यान
पिछले हफ्ते उड्डयन मंत्रालय ने 25 मई से फ्लाइटों को शुरू करने का ऐलान किया था। इसके बाद एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने एयरपोर्ट को एसओपी जारी की थी। इसमें कहा गया था कि एयरपोर्ट पर सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान दिया जाए। इसके अलावा सभी यात्रियों को आरोग्य सेतू ऐप डाउनलोड करनी होगी। इसके अलावा एयरपोर्ट पर एंट्री और उतरते वक्त लोगों को स्क्रीनिंग करनी होगी।
हेल्थ मंत्रालय ने जारी कीं ये गाइडलाइन-
प्लेन टिकट पर यात्रा के दौरान क्या करें या ना करें ये अंकित करना होगा। सभी यात्रियों के फोन में आरोग्य ऐप हो। विमान में चढ़ने से पहले स्क्रीनिंग की जाएगी। बिना लक्षण वाले लोगों को यात्रा की अनुमति दी जाएगी। बोर्डिंग और एयरपोर्ट पर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना होगा। विमान में सैनिटाइजेशन और डिस्इंफेक्शन की व्यवस्था होनी चाहिए। एयरपोर्ट या यात्रा के वक्त मास्क पहनना जरूरी है। एयरपोर्ट पर उतरते वक्त भी स्क्रीनिंग की जाएगी। स्क्रीनिंग के वक्त किसी यात्री को लक्षण दिखते हैं तो उन्हें नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में भेजना होगा। अगर यात्री को कोई लक्षण नहीं दिखते तो उन्हें होम क्वारंटाइन होना होगा।