सार

कोरोना से लड़ने के लिए भारत में 21 दिन का लॉकडाउन है। सरकार की तरफ से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगले 3 महीने के लिए आर्थिक राहत पैकेज का ऐलान किया है, इससे कयास लगने लगे हैं कि लॉकडाउन का वक्त और भी बढ़ाया जा सकता है। 

नई दिल्ली. कोरोना से लड़ने के लिए भारत में 21 दिन का लॉकडाउन है। सरकार की तरफ से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगले 3 महीने के लिए आर्थिक राहत पैकेज का ऐलान किया है, इससे कयास लगने लगे हैं कि लॉकडाउन का वक्त और भी बढ़ाया जा सकता है। इस कयास के पीछे एक और बड़ी वजह है। अभी तक कोरोना के केस बढ़ ही रहे हैं और अभी तक इसमें कमी नहीं आई है। 

21 दिन बाद भी लॉकडाउन की 3 बड़ी वजहें

1- चीन में दिसंबर में पहला केस सामने आया था। इसके बाद यहां कोरोना को कंट्रोल करने में करीब 4 महीने लग गए। मार्च के आखिरी महीने में स्थिति कुछ नियंत्रण में आई है। कई जगहों सिनेमाहॉल खुले हैं। लेकिन वहां पर अभी लोग आ नहीं रहे हैं। वहीं 8 अप्रैल को वुहान शहर से लॉकडाउन हटाने की बात की जा रही है। ऐसे में भारत में सिर्फ 21 दिन में कोरोना संक्रमण को रोकना मुश्किल लग रहा है। 

2- अगर विश्व स्वास्थ्य संगठन के कुछ बयानों पर गौर करें तो इनमें कहा गया है कि ये जरूरी नहीं है कि लॉकडाउन से ही कोरोना वायरस का खतरा खत्म हो जाए। इसके लिए उन मरीजों की तलाश करना जरूरी है, जो कोरोना संक्रमित हैं। ऐसे में भारत में अभी बहुत कम ही लोगों की कोरोना टेस्टिंग हुई है। ऐसे में जब तक सभी कोरोना संक्रमित मरीजों को नहीं ढूंढ लिया जाता, तब तक खतरा नहीं टलेगा।

3- इटली में कोरोना चौथे स्टेज पर है। यहां जनवरी में पहला केस सामने आया था। 9 मार्च को पूरे देश में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया था। लेकिन वहां पर दो हफ्ते से ज्यादा का लॉकडाउन हो चुका है, लेकिन अभी मौत का आंकड़ा और संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी नहीं आई है। इटली में रोजाना 600 से अधिक मौत हो रही है। ऐसे में भारत में 21 दिन में कोरोना पर नियंत्रण पाना मुश्किल लग रहा है।

तीन महीने में सरकार क्या-क्या करेगी?

सरकार ने लॉडकाउड के दौरान पैदा हुई समस्याओं से निपटने के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपए के स्पेशल पैकेज की घोषणा की है। बताते हैं कि घोषणा की 10 बड़ी बातें क्या हैं?

1- तीन महीने के लिए चिकित्सा बीमा कवर के रूप में स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए 50 लाख रुपए का बीमा होगा। वित्त मंत्री ने कहा, उम्मीद है हम इस अवधि में वायरस को हराने में सक्षम होंगे। देशभर में 22 लाख हेल्थ वर्कर्स हैं। 12 लाख डॉक्टर्स हैं।
2- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 80 करोड़ लोगों की संख्या आती है। सरकार सुनिश्चित करेगी कि एक भी व्यक्ति बिना खाने के न सोए। 80 करोड़ गरीबों को राशन के अलावा 3 महीने तक 10 किलो गेहूं या चावल एक्ट्रा दिया जाएगा। इसके अलावा एक किलो दाल भी दी जाएगी। यह अतिरिक्त लाभ मुफ्त दिया जाएगा। 
3- पीएम किसान योजना, किसान सम्मान निधि का फायदा 8 करोड़ 70 लाख किसानों को मिलेगा। किसानों को अप्रैल के पहले हफ्ते तक 2 हजार खाते में डाल दिए जाएंगे। इससे 8.69 करोड़ किसानों को फायदा मिलेगा।
4- मनरेगा के मजदूरों की दिहाड़ी बढ़ाकर 182 रुपए से बढ़ाकर 202 रुपए कर दी गई है।
5- देश के बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवाओं को 3 महीने तक 1 हजार रुपए अतिरिक्त मिलेगा। यह दो किस्तों में दिया जाएगा। 3 करोड़ लोगों को इसका लाभ मिलेगा।
6-  महिला जनधन खाताधारकों को अगले तीन महीने तक हर महीने 500 रुपए दिए जाएंगे। इससे 20 करोड़ महिलाओं को लाभ मिलेगा। 
7- उज्ज्वला योजना के तहत 8 करोड़ महिला लाभार्थियों को तीन महीने तक मुफ्त सिलिंडर दिए जाएंगे। 
8- स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए भी बड़ा ऐलान हुआ है। वित्त मंत्री ने कहा, महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को दीनदयाल योजना के तहत उनको 20 लाख रुपए तक का लोन दिया जाएगा। यह अमाउंट पहले 10 लाख था।
9- संगठित क्षेत्र में काम करने वालों के लिए घोषणा की गई। जो नौकरी करने या देने वाले हैं या वो संस्थान जहां पर 100 से कम इम्प्लॉई है जो 15 हजार से कम का वेतन पाते हैं। उनके लिए सरकार नौकरी करने वाले और नौकरी देने का 12-12% ईपीएफ हिस्सा सरकार देगी। यह वहां लागू होगा जहां 100 से कम इम्प्लाई हैं और 90% कर्मचारी 15 हजार से कम वेतन पाते हैं। इससे 80 लाख से ज्यादा मजदूरों और 4 लाख से ज्यादा संस्थाओं को इसका लाभ मिलेगा। इसके अलावा वित्त मंत्री ने पीएफ स्कीम रेगुलेशन में भी बदलाव किया। उन्होंने कहा, नॉन रिफंडेबल एडवांस 75% जमा रकम या तीन महीने का वेतन, जो भी कम होगा उसे निकाल सकते हैं। 
10- भवन निर्माण करने वाले मजदूरों के लिए राज्य सरकारों को अधिकार दिए गए हैं। वित्त मंत्री ने कहा, निर्माण कार्य में लगे वर्कर्स के लिए वेलफेयर फंड में 31 हजार करोड़ रुपए हैं। 3.5 करोड़ निर्माण कार्य में लगे मजदूर हैं। किसी आपदा की स्थिति में इस धन का इस्तेमाल राज्य सरकारें कर सकती हैं।