सार
धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत वाड्रा जांच का सामना कर रहे हैं । एजेंसी ने अदालत को बताया कि ऐसी आशंका है कि अगर उन्हें जाने की अनुमति दी गयी तो आरोपी मामले में गवाह को प्रभावित कर सकते हैं और साक्ष्य को मिटा सकते हैं।
नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत से कहा कि कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा को स्पेन और अन्य यूरोपीय देश जाने की अनुमति दी गयी तो वह जांच को प्रभावित कर सकते हैं। कारोबार के संबंध में 21 सितंबर से आठ अक्तूबर तक विदेश जाने की अनुमति देने के लिए वाड्रा की अर्जी का विरोध करते हुए एजेंसी ने विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार के सामने ये दलील दी।
गवाह को प्रभावित कर सकते हैं वाड्रा
धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत वाड्रा जांच का सामना कर रहे हैं । एजेंसी ने अदालत को बताया कि ऐसी आशंका है कि अगर उन्हें जाने की अनुमति दी गयी तो आरोपी मामले में गवाह को प्रभावित कर सकते हैं और साक्ष्य को मिटा सकते हैं। एजेंसी ने कहा कि अर्जी देने का मकसद सबूतों से छेड़छाड़ करना और सह-आरोपियों से मिलना है । हालांकि, ईडी की दलील का विरोध करते हुए वाड्रा के वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता के टी एस तुलसी ने कहा कि एजेंसी के आरोप बेबुनियाद हैं और आरोपी वापस आएंगे।
शुक्रवार को आएगा फैसला
अदालत वाड्रा की याचिका पर शुक्रवार को आदेश देगी। वाड्रा ने विदेश जाने की अनुमति के लिए नौ सितंबर को अदालत का रूख किया था। वाड्रा लंदन के 12, ब्रिंस्टन स्कवायर में 19 लाख पाउंड की संपत्ति खरीदारी के संबंध में धनशोधन के आरोपों का सामना कर रहे हैं। अदालत ने जून में वाड्रा को स्वास्थ्य आधार पर अमेरिका और नीदरलैंड जाने की अनुमति दी थी। हालांकि, वाड्रा को ब्रिटेन जाने की अनुमति नहीं मिली थी।
(नोट- यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)