सार

माउंट नत्से पर पहली बार भारतीय टीम पहुंची। इंडियन एवरेस्ट अभियान-2021 के तहत माउंट पुमोरी पर भी बिना किसी जनहानि के 100 प्रतिशत पर्वतारोही पहुंची। शायद यह पहला मौका था कि किलर माउंटेन पर पहुंचने वाले सभी सुरक्षित तौर पर पहुंचे।

नई दिल्ली। भारत के 14 पर्वतारोहियों ने एवरेस्ट मैसिफ अभियान (Everest Massif Expedition) में विश्व की चार सबसे उंची पीक्स को पर भारत का झंडा एक साथ फहराया है। अभियान में इन पर्वतारोहियों के अलग-अलग दलों ने माउंट पुमोरी (Mount Pumori), माउंट ल्होत्से (Mt. Lhotse), माउंट एवरेस्ट (Mt Ecerest) और माउंट नत्से (Mt Nuptse) की पीक पर चढ़ाई की थी। दो महीने के इस अभियान में पहली बार 100 प्रतिशत सदस्यों ने ‘किलर माउंटेन’ के रूप में विख्यात पुमारी पर भी पहुंचने में सफल रहे। इस दल में महिला माउंटेनियर भी शामिल रहीं। 

कोविड में ही शुरू हुआ था अभियान

भारत सरकार के खेल एवं युवा मामलों के मंत्रालय ने भारतीय पर्वतारोही फाउंडेशन के सहयोग से इस अभियान को शुरू किया था। एवरेस्ट मैसिफ अभियान में चार सबसे उंची चोटियों पर पहुंचना था। इसमें माउंट नत्से (7861 मीटर), माउंट पुमोरी (7161 मीटर), माउंट ल्होत्से (8516 मीटर) और माउंट एवरेस्ट (8848.86 मीटर) पर चढ़ाई करनी थी। आईएमएफ की मानें तो एवरेट पर चढ़ाई करना तो आसान था लेकिन अन्य तीनों पर पहुंचना थोड़ा मुश्किल। इसमें माउंट पुमोरी तो सबसे खतरनाक किलर माउंटेन के नाम से पहले से ही जाना जाता है। 

 

दुनिया की सबसे छोटी टीम 

अभियान में महज 14 पर्वतारोहियों को शामिल किया गया था। शायद यह दुनिया की सबसे छोटी टीम थी जिनको चार बड़ी चोटियों पर चढ़ना था। एवरेज निकाले तो 3.5 पर्वतारोही के हिस्से एक पीक आया। 

पहली बार दो पीक पर भारतीय दल पहुंचा

कोविड पैनडेमिक, तौकते और यास तूफान के बीच यह अभियान बिना किसी नुकसान के सफल रहा। माउंट नत्से पर पहली बार भारतीय टीम पहुंची। इंडियन एवरेस्ट अभियान-2021 के तहत माउंट पुमोरी पर भी बिना किसी जनहानि के 100 प्रतिशत पर्वतारोही पहुंची। शायद यह पहला मौका था कि किलर माउंटेन पर पहुंचने वाले सभी सुरक्षित तौर पर पहुंचे। इस टीम में पहली भारतीय महिला भी शामिल रही। 
माउंट ल्होत्से पर भी टीम दूसरी बार किसी भारतीय महिला पर्वतारोही के साथ भारत का झंड़ा फहराया। इसी तरह माउंट एवरेस्ट पर भी टीम के सभी सदस्य पहुंचे। जबकि माउंट लोबुचे पर सभी टीमों के सदस्य पहुंचे। यह एक्लीमेटाईजेशन स्टेज की चढ़ाई थी। 

 

स्वच्छ भारत अभियान के तहत खुम्बू ग्लेशियर की सफाई

पहाड़ों साफ करने का अभियान नेपाली सेना चला रही है। भारतीय टीम ने भी स्वच्छ भारत अभियान को ध्यान में रखते हुए खराब मौसम और कोविड के खतरों के बीच खुम्बू ग्लेशियर पर सफाई अभियान में अपना योगदान दिया। साथ ही टीम ने बेस कैंप में कई शेरपाओं, याक चरवाहों का भी इलाज किया। 

30 राज्यों के 565 वालंटियर्स में हुआ था चयन

इस अभियान में 565 वालंटियर्स ने आवेदन किया था। यह देश के 30 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों से थे। इनमें से 458 पुरुष ओर 107 महिलाएं थीं। इनमें से 55 को छांटा गया। फिर इन 55 में से 14 महिला व पुरुष पर्वतारोहियों का चयन किया गया। 

 

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