सार
कैप्टन चोपड़ा को 2 नवंबर को दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर से अहम स्ट्रैटेजिक किताब को चोरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद तीन दिनो तक उनसे पुलिस हिरासत में पूछताछ की गई। पूछताछ के बाद चोपड़ा को 6 नवंबर तक की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था, जहां एक दिन के बाद उनकी मौत हो गई।
नई दिल्ली. सेना के पूर्व अधिकारी कैप्टन मुकेश चोपड़ा की गिरफ्तारी के एक दिन बाद ही तिहाड़ जेल में मौत हो गई। उन्हें एक किताब चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। कैप्टन की मौत के पीछे की वजह अभी साफ नहीं हुई है। पुलिस के सूत्रों का दावा है कि उनकी जांच में यह बात सामने आई है कि 64 वर्षीय मुकेश चोपड़ा एविएशन रिसर्च सेंटर के गेस्ट हाउस में रह रहे थे, जहां उनके कमरे को रिटायर्ड अधिकारी ने बंद कर दिया था। यह अधिकारी कैप्टन चोपड़ा के साथ काम कर चुके हैं।
पर मामला इससे कही ज्यादा उलझा हुआ बताया जा रहा है जिसमें चीन तक तार जुड़े बताए जा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक कैप्टन सोशल मीडिया एप के जरिए चीन के किसी से बात कर रहे थे। कैप्टन की मौत के बाद इस मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
किताब चोरी के आरोप में गिरफ्तार
कैप्टन चोपड़ा को 2 नवंबर को दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर से अहम स्ट्रैटेजिक किताब को चोरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद तीन दिनो तक उनसे पुलिस हिरासत में पूछताछ की गई। पूछताछ के बाद चोपड़ा को 6 नवंबर तक की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था, जहां एक दिन के बाद उनकी मौत हो गई।
वकील और भाई ने संदिग्ध मौत पर उठाए सवाल-
चोपड़ा के वकील और भाई ने उनकी संदिग्ध मौत पर सवाल खड़े किए हैं, जबकि पुलिस को शक है कि वह चीन के लिए जासूसी कर रहे थे। 8 नवंबर को चोपड़ा के वकील दीपक त्यागी ने तिहाड़ जेल प्रशासन से इस बारे में पूछताछ की थी। इस दौरान जेल प्रशासन ने बताया कि चोपड़ा जेल कि बिल्डिंग की दीवार से कूद गए थे। दीपक त्यागी ने कहा कि अगर चोपड़ा पर जासूसी का आरोप था तो उन्हें सुरक्षित वार्ड में रखना चाहिए था।
भाई ने जेल प्रसाशन पर लगाए आरोप-
मुकेश चोपड़ा के भाई रंगेश चोपड़ा ने बताया कि मेरे भाई से पुलिस हिरासत में 15 घंटे तक पूछताछ की गई। उसे सोने नहीं दिया जाता था। मेरा भाई पूर्व सेना का अधिकारी था और उसे जासूस कहकर लोगों के सामने पेश किया गया।
64 करोड़ रुपए की एफडी
पुलिस का दावा है कि उसे मुकेश चोपड़ा के पास चार मोबाइल फोन मिले थे जब उन्हें गिरफ्तार किया गया था। उस वक्त चोपड़ा ने बताया था कि वह पैराशूट रेजीमेंट में कैप्टन रह चुके हैं और उन्हें लेह में तैनात किया गया था। वह 1983 में रिटायर हुए थे। उन्होंने दावा किया था कि उनके पास छतरपुर और ग्रेटर कैलाश में प्रॉपर्टी है। यही नहीं उन्होंने कहा था कि उनके पास 64 करोड़ रुपए फिक्स डिपॉजिट में हैं। पुलिस के अनुसार चोपड़ा अपनी पत्नी और बेटी के साथ 1983 में कनाडा चले गए थे और उसके बाद उन्हें अमेरिका का पासपोर्ट मिल गया था। उनके पासपोर्ट पर 2025 तक का चीन का वीजा था। वह हाल में हांगकांग से भारत लौटे थे।