सार
बता दें कि केके मोहम्मद ने जब ये बयान दिया था कि अयोध्या में राम का आस्तित्व है तो उन्हें विभागीय कार्रवाई का सामना भी करना पड़ा था। हालांकि केके मोहम्मद ने कहा कि झूठ बोलने के बजाए वो अपना फर्ज निभाते हुए मरना पसंद करेंगे।
नई दिल्ली. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के पूर्व निदेशक केके मोहम्मद ने अयोध्या में भूमि विवाद पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मोस्ट परफेक्ट बताया है। एएसआई की ओर से दिए गए सबूतों के आधार पर ही कोर्ट ने माना कि बाबरी मस्जिद के नीचे जो अवशेष थे वह इस्लामिक नहीं थे बल्कि वहां एक मंदिर था।
उन्होंने कहा कि यहां पर एक बार फिर से मंदिर ही बनाना चाहिए। इस फैसले पर केके मोहम्मद ने सहमति और खुशी जाहिर की। मोहम्मद हमेशा से ही विवादित स्थल पर मंदिर होने का दावा करते रहे हैं।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा कि आज वह खुद को 'दोषमुक्त' महसूस कह रहे हैं क्योंकि मंदिर की बात करने पर उनको कुछ समूहों की ओर से धमकी दी गई थी। शनिवार को आए कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले पर उन्होंने कहा कि यह बिलकुल वही फैसला है जैसा सब लोग चाहते थे।
केके मोहम्मद केरल के कालीकट के रहने वाले हैं। वो पूर्व महानिदेशक पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग के बीबी लाल की टीम का अहम हिस्सा रहे हैं। केके मोहम्मद 1976 में बनी उस टीम का हिस्सा भी रहे हैं, जिसने राम जन्म भूमि संबंधी पुरातात्विक खुदाई भी की थी। हालांकि जब उन्होंने उस वक्त ये बयान दिया था कि अयोध्या में राम का अस्तित्व है तो उन्हें विभागीय कार्रवाई का सामना भी करना पड़ा था। लेकिन केके मोहम्मद ने कहा कि झूठ बोलने के बजाए वो अपना फर्ज निभाते हुए मरना पसंद करेंगे।