सार

जहां एक ओर क्षेत्रीय पार्टियां आरोप लगा रही हैं कि कांग्रेस से गठबंधन के चलते उन्हें चुनाव में भाजपा का सामना करने में नुकसान उठाना पड़ रहा है, वहीं, तमिलनाडु की डीएमके अपनी पुरानी सहयोगी के साथ चुनाव लड़ने के पक्ष में है। डीएमके का कहना है कि पार्टी अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेगी। डीएमके के राष्ट्रीय प्रवक्ता सरवानन ने हमारे सहयोगी Asianet Newsable के मोहम्मद याकूब से खास बातचीत की।  

चेन्नई. जहां एक ओर क्षेत्रीय पार्टियां आरोप लगा रही हैं कि कांग्रेस से गठबंधन के चलते उन्हें चुनाव में भाजपा का सामना करने में नुकसान उठाना पड़ रहा है, वहीं, तमिलनाडु की डीएमके अपनी पुरानी सहयोगी के साथ चुनाव लड़ने के पक्ष में है। डीएमके का कहना है कि पार्टी अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेगी। डीएमके के राष्ट्रीय प्रवक्ता सरवानन ने हमारे सहयोगी Asianet Newsable के मोहम्मद याकूब से खास बातचीत की।  

सवाल: बिहार के बाद भाजपा का अगला लक्ष्य तमिलनाडु है?
निश्चित, लेकिन बिहार में जो हुआ, उसे दक्षिण भारत में नहीं दोहराया जा सकता। यहां अलग बॉल गेम है। जो मुद्दे उत्तर भारत में चुनावों को प्रभावित करते हैं, उनका दक्षिण भारत से कोई संबंध नहीं रहा। यहां विभाजनकारी मुद्दों के बजाय प्रगतिशीलता और विकास पर बात होती है। 

सवाल: बिहार चुनाव के बाद महागठबंधन के नेता कांग्रेस को हार के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, उप्र में सपा ने ऐसे ही आरोप लगाए थे, क्या डीएमके भी ऐसा कुछ करेगी?
जवाब- जहां तक ​​तमिलनाडु की बात है, कांग्रेस के साथ हमारा गठबंधन सही तालमेल में है। जब पूरा देश बीजेपी और (पीएम नरेंद्र) मोदी को वोट दे रहा था, उस वक्त भी हमने अच्छा किया। कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन ने 38 में से ज्यादातर सीटें जीतीं। यहां की स्थिति पूरी तरह से अलग हैं।

सवाल: आईपीएस अफसर अन्नामलाई भाजपा में शामिल हुए, खुशबू भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं, इसे आप कैसे देखते हैं?
जवाब- देखिए, जब बात तमिलनाडु की आती है, तो यह सिर्फ डीएमके और एआईएडीएमके की बात होती है। जितनी भी पार्टियां यहां आ जाएं, बात सिर्फ डीएमके और एआईएडीएमके का ही महत्व रहेगा। अगर पार्टियां डीएमके के सिद्धांतों पर चलती हैं, तभी उन्हें फायदा हो सकता है। जबकि भाजपा डीएमके के सिद्धांतों का विरोध करती है, तो वह यहां सफल नहीं हो सकती। 

सवाल: क्या तमिलनाडु चुनाव में राष्ट्रीय पार्टियां कुछ प्रभाव डालेंगी?
जवाब : तमिलनाडु में सिर्फ द्रविड़ियन के विचार और राजनीति काम करेगी। आपको लोगों को बताना होगा कि आप उनके लिए क्या करने जा रहे हैं। आपको उन्हें यह बताना होगा कि आप किस तरह से विकास करने जा रहे हैं। भाजपा जिन मुद्दों पर बात करती है, लोग इसे सिरे से खारिज करने जा रहे हैं। भाजपा तमिलनाडु में सिर्फ नोटा से मुकाबला करेगी।