सार
पकड़ा गया नटवरलाल, खुद को इसरो का वैज्ञानिक बता रहा था। लोकल मीडिया में इंटरव्यू देकर दावा किया था कि चंद्रयान-3 मिशन के लिए लैंडर माड्यूल को उसने डिजाइन किया था।
Chandrayaan 3:चंद्रयान-3 की सफलता से पूरा देश खुशी और उल्लास में है। इसरो द्वारा लांच किए गए इस मिशन के बारे में सब जानते हैं लेकिन इसरो के एडमिनिस्ट्रेशन या उसके वैज्ञानिकों को सभी नहीं पहचानते। इसी का फायदा उठाकर कई नटवरलाल, अपनी वाह-वाही बटोरने में जुटे हुए हैं। गुजरात पुलिस ने चंद्रयान-3 लांचिंग में इसरो से जुड़े एक फर्जी वैज्ञानिक को अरेस्ट किया है। पकड़ा गया नटवरलाल, खुद को इसरो का वैज्ञानिक बता रहा था। लोकल मीडिया में इंटरव्यू देकर दावा किया था कि चंद्रयान-3 मिशन के लिए लैंडर माड्यूल को उसने डिजाइन किया था।
इंटरव्यू देखकर किसी ने कर दी शिकायत
दरअसल, गुजरात के सूरत शहर के किसी व्यक्ति ने मितुल त्रिवेदी का लोकल मीडिया में इंटरव्यू देखकर पुलिस में शिकायत की। चांद पर चंद्रयान-3 के लैंड करने के बाद लैंडर को सतह पर चलने के दौरान आरोपी मितुल त्रिवेदी ने मीडिया को इंटरव्यू देते हुए बताया कि उसने चंद्रयान-3 का लैंडर माड्यूल डिजाइन किया था।
आरोपी के पास से एक नियुक्ति पत्र भी मिला
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि आरोपी मितुल त्रिवेदी के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी जब उसे 23 अगस्त को विक्रम लैंडर के सफलतापूर्वक सॉफ्ट-लैंडिंग करने के बाद इंटरव्यू करते देखा गया था। उसने दावा किया कि उसने चंद्रयान -3 के लैंडर मॉड्यूल को डिजाइन किया था। पुलिस ने बताया कि मितुल त्रिवेदी ने कथित तौर पर खुद को इसरो के प्राचीन विज्ञान एप्लीकेशन डिपार्टमेंट का असिस्टेंड चेयरमैन बताया। उसके पास से 26 फरवरी, 2022 को जारी एक फर्जी अप्वाइंटमेंट लेटर भी मिला, जो उसने साक्ष्य के रूप में पेश किया था। पुलिस ने बताया कि जांच में पता चला कि आरोपी मितुल त्रिवेदी किसी तरह से इसरो से जुड़ा हुआ नहीं है। कभी भी वहां कर्मचारी नहीं रहा है।
पुलिस ने दर्ज किया केस
पुलिस ने बताया कि चंद्रयान-3 जैसी महत्वाकांक्षी परियोजना में योगदान नहीं देने के बावजूद मितुल त्रिवेदी ने इसरो के बारे में फर्जी संदेश फैलाए। इससे संस्थान की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा। सूरत पुलिस की क्राइम ब्रांच ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 465, 468, 471 के तहत केस दर्ज किया है।
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