देशी-विदेशी सेलेब्रिटीज की बयानबाजियों ने किसान आंदोलन को दो खेमों में बांट दिया है। एक इन बयानों को सही ठहरा रहे हैं, तो दूसरा गलत। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(NCP) के प्रमुख शरद पवार की सचिन तेंदुलकर को दी गई नसीहत पर लोगों की जबर्दस्त प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। बता दें कि सचिन तेंदुलकर ने कहा था कि बाहरी ताकतें दर्शक बन सकती हैं, लेकिन उनकी भागीदारी नहीं हो सकती।

मुंबई. देशी-विदेश सेलेब्रिटीज के किसान आंदोलन में 'कूदने' के बाद एक नई बहस छिड़ गई है। कुछ लोगों को कहना है कि विदेशी सेलिब्रिटीज को भारत के इस अंदरुनी मसले में बयान देने का कोई हक नहीं है। वहीं, कुछ लोग देशी सेलेब्रिटीज के बोलने से बौखलाए हुए हैं। पिछले दिनों पॉप सिंगर रिहाना, पॉर्न स्टार मिया खलीफा और एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने किसान आंदोलन के समर्थन में बयान दिए थे। इसे लेकर सचिन तेंदुलकर ने कहा था कि बाहरी ताकतें दर्शक तो बन सकती हैं, लेकिन भागीदारी नहीं हो सकती। भारती की संप्रभुता से समझौता नहीं किया जा सकता है। देश के तौर पर हमें एक जुट रहना चाहिए।

शरद पवार ने सचिन को दी नसीहत
सचिन के बयान के बाद NCP प्रमुख शरद पवार ने सचिन तेंदुलकर को नसीहत देते हुए कहा कि देश के सेलिब्रिटीज जो स्टैंड लेते हैं, उस पर बहुत से लोग तेजी से रियेक्ट करते हैं। इसलिए वे सचिन को सलाह देते हैं कि उन्हें दूसरी फील्ड के बारे में बोलने से पहले सतर्क रहना चाहिए। 

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शरद पवार के बयान पर लोगों ने दी प्रतिक्रिया..
शरद पवार के बयान पर लोगों ने भी तीखी प्रतिक्रियाएं दीं। एक ने लिखा कि क्या आपने मोदी/ शाह या किसी भी भाजपा नेताओं को देशद्रोहियों, वामपंथी उदारवादियों, शहरी नक्सलियों को धमकी देते हुए सुना है, जो अलगाववादियों और आतंकवादियों के लिए अभियान चला रहे हैं। लेकिन यहां पवार सचिन को धमकी दे रहे हैं। कौन है फासीवादी? एक अन्य ने पवार को फासिस्ट बताया।

लोगों ने सचिन को किया था ट्रोल
बता दें कि सचिन के अलावा टीम इंडिया के कैप्टन विराट कोहली ने भी बयान दिया था। इस पर लोगों ने दोनों को ट्रोल करते हुए उन्हें किसान आंदोलन के खिलाफ बताया था।

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