सार
कांग्रेस ने कहा कि जनहित के जरूरी मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए केंद्र ने ऐसा कदम उठाया है। मोदी सरकार लगातार कांग्रेस को बदनाम करने की साजिश रच रही है। वह देश को मुख्य मुद्दों से गुमराह कर रही है।
FCRA license of Rajeev Gandhi Foundation cancelled: केंद्र सरकार ने राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट के एफसीआरए लाइसेंस को रद्द कर दिया है। गांधी परिवार से जुड़े दोनों एनजीओ को मिले विदेशी फंड की अनियमितता करने की बात कहते हुए गृह मंत्रालय ने लाइसेंस रद्द कर दिया है। गृह मंत्रालय सूत्रों की मानें तो अब दोनों संस्थाओं में इन लेन देन को लेकर सीबीआई को जांच सौंपी जा सकती है। गांधी परिवार से जुड़े नेशनल हेराल्ड केस की जांच अभी सरकार करा ही रही है कि अब उनसे जुड़े दो ट्रस्टों की जांच और शुरू होने की आशंका जताई जा रही है।
कांग्रेस ने कहा-जनहित के मुद्दों पर से ध्यान हटाने के लिए यह सब किया
उधर, कांग्रेस ने राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट (आरजीसीटी) के एफसीआरए रद्द किए जाने पर केंद्र सरकार पर पलटवार किया है। कांग्रेस ने कहा कि जनहित के जरूरी मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए केंद्र ने ऐसा कदम उठाया है। मोदी सरकार लगातार कांग्रेस को बदनाम करने की साजिश रच रही है। वह देश को मुख्य मुद्दों से गुमराह कर रही है। कांग्रेस के मीडिया सेल इंचार्ज जयराम रमेश ने कहा कि महंगाई बढ़ रही, बेरोजगारी बढ़ती जा रही, देश की अर्थव्यवस्था रुपया के गिरने की वजह से संकट में है लेकिन प्रधानमंत्री और उनकी सरकार लोगों को गुमराह करने में लगी हुई है। मोदी सरकार ने कांग्रेस पार्टी को बदनाम करने और मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने के लिए है, साजिश रचना नहीं छोड़ा है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी एनडीए सरकार के इस कदम की आलोचना की और कहा कि आरजीएफ और आरजीसीटी के एफसीआरए लाइसेंस रद्द करना मोदी सरकार के राजनीतिक द्वेष का प्रतीक है।
राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्ष सोनिया गांधी
राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं। जबकि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और पी.चिदंबरम इसके सदस्य हैं। सोनिया गांधी ही राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट की भी अध्यक्ष हैं। लेकिन इसमें राहुल गांधी और पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ.अशोक एस गांगुली सदस्य हैं। RGCT की स्थापना 2002 में देश के वंचित लोगों, विशेषकर ग्रामीण गरीबों की विकास आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए की गई थी।
कमेटी की रिपोर्ट के बाद यह निर्णय
गृह मंत्रालय की ओर से बताया गया कि गांधी परिवार द्वारा संचालित एनजीओ में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए 2020 में एक अंतर-मंत्रालयी समिति गठित की गई थी। गृह मंत्रालय की इस कमेटी की रिपोर्ट के बाद यह निर्णय लिया गया है। जांचकर्ताओं ने चीन सहित विदेशों से धन प्राप्त करते समय आयकर रिटर्न दाखिल करते समय दस्तावेजों के कथित हेरफेर, धन के दुरुपयोग और धन शोधन को कवर किया।
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