सार

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत पूरे विश्व में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के मामले में पसंदीदा स्थान है। उन्होंने ट्वीट कर बताया कि पिछले 6 वर्षों की अवधि (2014-15 से 2019-20) के दौरान कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 55 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 

नई दिल्ली. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत पूरे विश्व में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के मामले में पसंदीदा स्थान है। मंत्री गोयल ने अपने ट्वीट में पीएम मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए बताया कि पिछले 6 वर्षों की अवधि (2014-15 से 2019-20) के दौरान कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 55 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 

मंत्री ने पत्र सूचना कार्यालय की एक विज्ञप्ति को शेयर करते हुए बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के भारत में प्रवेश के बावजूद अप्रेल से अगस्त 2020 तक एफडीआई में 13 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। एफडीआई के उदारीकरण और सरलीकरण के रास्ते पर आगे बढ़ते हुए सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में एफडीआई से संबंधित सुधार किए हैं।

नीतिगत अड़चनों को किया दूर

दरअसल, FDI किसी भी देश के आर्थिक विकास का एक प्रमुख हिस्सा है। केंद्र सरकार का हमेशा से यह प्रयास रहा है कि वह एक सक्षम और निवेशकों के अनुकूल एफडीआई नीति लागू करे। यह सब करने का मुख्य उद्देश्य एफडीआई नीति को निवेशकों के और अधिक अनुकूल बनाना तथा देश में निवेश के प्रवाह में बाधा डालने वाली नीतिगत अड़चनों को दूर करना है।

साल 2014 में नरेंद्र मोदी के देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद से उनका फोकस प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को बढ़ावा देने पर रहा है। सरकार लगातार एफडीआई के जरिये निवेश को बढ़ाकर से अर्थव्यवस्था में मजबूती लाने की कोशिश में जुटी है। 

नीतिगत सुधारों और निवेश में सुगमता से बढ़ा FDI

विज्ञप्ति के मुताबिक, एफडीआई में नीतिगत सुधारों, निवेश सुगमता और व्यापार करने में आसानी के मोर्चों पर सरकार द्वारा किए गए विभिन्न उपायों की वजह से देश में एफडीआई का प्रवाह बढ़ा है। भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के क्षेत्र में निम्नलिखित रुझान वैश्विक निवेशकों के बीच एक पसंदीदा निवेश गंतव्य के तौर पर  इसकी स्थिति की पुष्टि करते हैं।

रक्षा क्षेत्र में एफडीआई की मई में मिली थी अनुमति 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मई में स्वत: मार्ग के जरिए रक्षा विनिर्माण में 74 फीसद एफडीआई की अनुमति देने की घोषणा की थी। सरकारी मार्ग के तहत विदेशी निवेशकों को निवेश से पहले संबंधित मंत्रालय या विभाग से अनुमति लेनी होती है, जबकि स्वत: मार्ग में निवेशक को निवेश करने से पहले इस बारे में सिर्फ आरबीआई को सूचित करना होता है।