प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगना दुर्भाग्यपूर्ण है। हम उम्मीद करते हैं कि जल्द ही महाराष्ट्र में एक स्थिर सरकार बनेगी।  

मुंबई. महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर राज्यपाल का प्रस्ताव ठुकराने वाली भाजपा ने प्रदेश में सरकार बनाने को लेकर कवायद शुरू कर दी है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगना दुर्भाग्यपूर्ण है। हम उम्मीद करते हैं कि जल्द ही महाराष्ट्र में एक स्थिर सरकार बनेगी।

Scroll to load tweet…

फड़णवीस के इस बयान के बाद भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने कहा कि भाजपा राज्य में सरकार बनाने की कोशिश जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि इस दिशा में देवेंद्र फडणवीस काम कर रहे हैं। राणे ने कहा, मैं पार्टी का नेता होने के नाते सरकार बनाने में मदद करूंगा। 

Scroll to load tweet…

राणे के अलावा भाजपा नेता सुधीर मुंगटीवार ने भी पार्टी मीटिंग के बाद कहा कि हम राष्ट्रपति शासन बिल्कुल नहीं चाहते हैं। हम राज्य में एक स्थिर सरकार बनाने की पूरी कोशिश करेंगे। हम जनादेश का सम्मान करते हैं और महाराष्ट्र के लोगों के साथ खड़े हैं। 

Scroll to load tweet…

विचारधाराएं अलग, लेकिन साथ मिलकर सरकार बनाएंगे- ठाकरे
इससे पहले शिवसेना की ओर से उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा, हमारे पास छह महीने का समय है, हम एनसीपी, कांग्रेस के साथ बैठेंगे। हमारी विचारधारा अलग है, लेकिन हम साथ काम करेंगे। दो अलग विचारधारा की पार्टी अगर साथ सरकार बनाना चाहती है तो कुछ मुद्दों पर चर्चा जरूरी होती है।''उद्धव ठाकरे ने कहा, ''हमने कल कांग्रेस-एनसीपी से औपचारिक रूप से सरकार बनाने में मदद का अनुरोध किया था। हमें 48 घंटे का समय चाहिए था, लेकिन राज्यपाल ने नहीं दिया।''

कांग्रेस-एनसीपी ने क्या कहा?
दिल्ली से मुंबई पहुंचे कांग्रेस के प्रतिनिधित्व मंडल और एनसीपी नेताओं के बीच बैठक हुई। बैठक के बाद दोनों पार्टियों ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान एनसीपी नेता शरद पवार ने कहा कि हम जल्दी में नहीं हैं। पहले कांग्रेस के साथ चर्चा होगी, इसके बाद ही शिवसेना को गठबंधन देने पर फैसला होगा। कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा कि हम अपने सहयोगियों के साथ चर्चा करेंगे, फिर हम शिवसेना के साथ बैठक करेंगे। इसके बाद कोई फैसला लिया जाएगा। दोनों पार्टियों ने राष्ट्रपति शासन को लेकर सवाल भी उठाए।