सार
भारत कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है। अब तक 3 लाख से ज्यादा लोगों को मौत हो चुकी है। महामारी के चलते कई बच्चों ने अपने माता पिता तक खो दिए हैं। ऐसे में अब मोदी सरकार इन बच्चों का जिम्मा उठाने के लिए आगे आई है। केंद्र ने ऐसे बच्चों को फ्री शिक्षा से लेकर उनके भविष्य तक को सुरक्षित बनाने के लिए तमाम बड़े कदम उठाए हैं।
नई दिल्ली. भारत कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है। अब तक 3 लाख से ज्यादा लोगों को मौत हो चुकी है। महामारी के चलते कई बच्चों ने अपने माता पिता तक खो दिए हैं। ऐसे में अब मोदी सरकार इन बच्चों का जिम्मा उठाने के लिए आगे आई है। केंद्र ने ऐसे बच्चों को फ्री शिक्षा से लेकर उनके भविष्य तक को सुरक्षित बनाने के लिए तमाम बड़े कदम उठाए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना में अपने माता पिता खो चुके बच्चों की मदद के लिए उठाए जा सकने वाले कदमों पर विचार विमर्श के लिए अहम बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान पीएम मोदी ने ऐसे बच्चों के लिए तमाम ऐलान भी किए।
बच्चे देश का भविष्य
इस दौरान पीएम ने कहा, बच्चे देश के भविष्य का प्रतिनिधि करते हैं। ऐसी स्थिति में देश बच्चों के समर्थन और सुरक्षा के लिए सब कुछ करेगा, ताकि वे मजबूत नागरिक बनें और उनका भविष्य बेहतर हो। इस मुश्किल वक्त में हमारी जिम्मेदारी है कि एक समाज के तौर पर हम ऐसे बच्चों अपने बच्चों की देखभाल करें और उज्जवल भविष्य की आशा जगाएं। जिन बच्चों ने महामारी में अपने दोनों माता पिता को खो दिया, या अपने कानूनी अभिभावक को को दिया, उनके लिए पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन स्कीम लॉन्च की है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह कदम उठाना इसलिए संभव हो पाया क्योंकि देश के लोगों ने पीएम केयर्स में कोरोना के खिलाफ सहयोग दिया।
बच्चों को मिलेंगे ये लाभ
- पीएम केयर्स 18 वर्ष की आयु तक पहुंचने पर प्रत्येक बच्चे के लिए 10 लाख रुपए का कोष बनाने के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई योजना के माध्यम से योगदान देगा।
- इसके तहत हर 18 साल के बाद बच्चे को 5 साल तक हर महीने आर्थिक मदद मिलेगी। इससे वह उच्च शिक्षा के दौरान अपनी व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा कर पाएगा। 23 साल की उम्र पर उसे व्यक्तिगत और व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए एक मुश्त 10 लाख रुपए की राशि दी जाएगी।
10 साल के बच्चों के लिए
- 10 साल से कम उम्र के बच्चे को नजदीकी केंद्रीय विद्यालय या प्राइवेट स्कूल में स्कोलर के माध्यम से एडमिशन दिया जाएगा।
- अगर बच्चा प्राइवेट स्कूल में दाखिला पाता है, तो आरटीई के मुताबिक, उसकी फीस पीएम केयर्स से दी जाएगी। इसके अलावा पीएम केयर्स के माध्यम से यूनिफॉर्म, किताबें और नोट बुक की भी व्यवस्था कराई जाएगी।
11- 18 साल के बच्चों के लिए
- बच्चों को किसी केंद्रीय आवासीय विद्यालय जैसे सैनिक स्कूल, नवोदय स्कूल में दाखिला दिया जाएगा।
- अगर कोई बच्चा अपने दादा-दादी या अभिभावक या परिवार के अन्य सदस्यों के साथ रहना चाहता है, तो उसे नजदीकी केंद्रीय विद्यालय या प्राइवेट स्कूल में एडमिशन दिलाया जाएगा।
- अगर प्राइवेट स्कूल में दाखिला होता है, तो फीस, यूनिफॉर्म, किताबें और नोट बुक सबका खर्चा पीएम केयर्स फंड्स से उठाया जाएगा।
उच्च शिक्षा में भी मिलेगी मदद
- मौजूदा शिक्षा लोन के नियमों के मुताबिक, बच्चों को भारत में व्यावसायिक शिक्षा या उच्च शिक्षा के लिए लोन प्राप्त कराने में मदद की जाएगी। साथ ही इस लोन पर ब्याज का भुगतान PM CARES द्वारा किया जाएगा।
- विकल्प के तौर में ऐसे बच्चों को केंद्र या राज्य सरकार की योजनाओं के तहत स्नातक / व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए शिक्षण शुल्क / पाठ्यक्रम शुल्क के बराबर स्कॉलर दिया जाएगा। जो बच्चे मौजूदा छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत पात्र नहीं हैं, उनके लिए PM CARES एक समान दी जाएगी।
हेल्थ बीमा भी होगा
इसके अलावा सभी बच्चों को आयुष्मान भारत बीमा योजना के तहत 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा भी मिलेगा। इसका प्रीमियम पीएम केयर्स द्वारा 18 साल तक जमा किया जाएगा।
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