सार
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (GHMC) के चुनाव में भाजपा के प्रदर्शन ने सभी को चौंका दिया। यहां 150 सीटों वाले नगर निगम में भाजपा को कुल 46 सीटें मिली। खास बात ये है कि भाजपा के पास 2016 में सिर्फ 4 सीटें थीं। इस बार भी सत्ताधारी तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) 55 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी रही।
हैदराबाद. ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (GHMC) के चुनाव में भाजपा के प्रदर्शन ने सभी को चौंका दिया। यहां 150 सीटों वाले नगर निगम में भाजपा को कुल 46 सीटें मिली। खास बात ये है कि भाजपा के पास 2016 में सिर्फ 4 सीटें थीं। इस बार भी सत्ताधारी तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) 55 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी रही। लेकिन उसे पिछले साल की तुलना में 44 सीटों का नुकसान हुआ। पार्टी को 2016 चुनाव में 99 सीटें मिली थीं। वहीं, इस बार तीसरे नंबर पर असदुद्दीन ओवैसी पर एआईएमआईएम रही। पार्टी ने 44 सीटों पर जीत हासिल की।
कैसा रहा भाजपा का प्रदर्शन?
यह पहला मौका है, जब किसी नगर निगम चुनाव की राष्ट्रीय स्तर पर इतनी चर्चा हुई हो। साफ तौर पर कहें तो इसके पीछे प्रमुख वजह है भाजपा। भाजपा ने जिस तरह से ये चुनाव लड़ा, प्रचार में राष्ट्रीय नेताओं को उतारा और जिस तरह 4 से 46 सीटों तक का सफर तय किया।
भाजपा को टीआरएस से सिर्फ 0.5% कम वोट मिले
खास बात ये है कि इस बार भाजपा को टीआरएस की तुलना में सिर्फ 0.5% कम वोट मिले। इस चुनाव में टीआरएस को 36% वोट मिले। जबकि भाजपा ने 35.5% वोट हासिल किए। वहीं, ओवैसी की पार्टी को 19% और कांग्रेस को 7% वोट मिले।
भाजपा के वोट 3 लाख से बढ़कर 11 लाख हुए
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के चुनाव नतीजों को देखकर यह साफ है कि लोगों ने भाजपा को जमकर वोट किया। यही कारण है कि इस बार पार्टी को 11.95 लाख वोट मिले। जबकि 2016 में सिर्फ 3 लाख वोट मिले थे। वहीं, टीआरएस 14.68 लाख से घटकर 12 लाख वोट मिले।