सार

सोने की तस्करी मामले में मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश शनिवार को मीडिया से बात करते हुए रो पड़ीं। भावुक होकर उन्होंने कहा कि मुझे मार डालो। मेरे आसपास के लोगों को चोट मत पहुंचाओ। 

नई दिल्लीः सोने की तस्करी के मामले में मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। शनिवार को स्वप्ना मीडिया से बातचीत करते हुए भावुक होकर रो पड़ीं। उन्होंने कहा, मुझ पर इस तरह के हमले क्यों किए जा रहे हैं? मेरे आसपास के लोगों को चोट मत पहुंचाओ। मुझे प्लीज यहीं मार दो, जिससे कहानी खत्म हो जाए। दरअसल, स्वप्ना सुरेश ने मंगलवार को केरल के सीएम विजयन पर गंभीर आरोप लगाया था। उन्होंने कोर्ट में कहा था कि केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन 2016 में दुबई में थे, तब उन्होंने सीएम को नोटों से भरा बैग दिया था। यह सब 2016 में शुरू हुआ, जब मुख्यमंत्री संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा पर थे।

बढ़ गई हैं स्वप्ना की मुश्किलें
उन्होंने आगे कहा था कि जब मैं वाणिज्य दूतावास में सचिव थी, तब शिवशंकर ने सबसे पहले मुझसे संपर्क किया था। उन्होंने मुझे बताया कि मुख्यमंत्री अपना एक बैग लेना भूल गए हैं और उसे तुरंत दुबई ले जाना है। हमने वाणिज्य दूतावास में एक राजनयिक के माध्यम से बैग को सीएम के पास भेजा। जब इसे वाणिज्य दूतावास में लाया गया तो हमने पाया कि इसमें करेंसी थी। इसके बाद से उनकी मुसीबतें और बढ़ गई हैं। केरल हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया है। 

भावुक हुईं स्वप्ना
मीडिया से बात करते हुए स्वप्ना भावुक हो गईं और वह रोने लगीं। उन्होंने कहा, 'वे मुझ पर इस तरह क्यों हमला कर रहे हैं? कृपया मुझे मार डालो, ताकि कहानी खत्म हो जाए। मुझे जीने का मौका दो। अब मेरे पास वकील नहीं है और मेरे पास नया वकील लेने के लिए पैसे नहीं हैं।' इतना कहने के बाद स्वप्ना फर्श पर गिर पड़ीं। बाद में उन्हें अस्पताल ले जाया गया। संबंधित घटनाक्रम में उनके वकील कृष्णा राज ने कहा कि वह उनके खिलाफ दर्ज किए गए मामले से डरने वाले नहीं हैं। राज ने कहा, 'कल मैं अपने कार्यालय में रहूंगा, क्योंकि मुझे सोमवार को काम करना है। जबकि स्वप्ना को मामला दर्ज करने के लिए आना है। विजयन की चालें मुझ पर काम नहीं करेंगी और मैं बिल्कुल भी नहीं डरता और अगर वे चाहें तो मुझे गिरफ्तार कर सकते हैं।'

कौन हैं स्वप्ना सुरेश? 
स्वप्ना सुरेश का जन्म संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अबू धाबी में हुआ था। अबू धाबी में ही उन्होंने पढ़ाई की, जिसके बाद उन्हें एयरपोर्ट पर नौकरी मिल गई थी। स्वप्ना ने शादी भी की, लेकिन जल्द ही तलाक हो गया तो वह बेटी के साथ केरल के तिरुवनंतपुरम रहने चली आई। भारत आने के बाद स्वप्ना सुरेश ने दो साल तक तिरुवनंतपुरम में एक ट्रैवल एजेंसी में काम किया।  

कब से शुरू हुए विवाद? 
2013 में स्वप्ना की एयर इंडिया एसएटीएस में एचआर एक्जीक्यूटिव के तौर पर नौकरी लग गई। 2016 में जब धोखाधड़ी के एक केस में क्राइम ब्रांच ने उसकी जांच शुरू की तो स्वप्ना वापस अबू धाबी चली गईं। बताया जाता है कि जब स्वप्ना एयर इंडिया एसएटीएस में ट्रेनर थीं तो उन पर एक ऑफिसर को झूठे केस में फंसाने का आरोप लगा था। स्वप्ना पर फर्जी नाम से उस अधिकारी के खिलाफ 17 शिकायतें और जांच समिति के सामने झूठे सबूत पेश करने का आरोप लगा। बताया जा रहा है कि जब इस मामले की जांच चल रही थी तो स्वप्ना को छोड़ने के लिए पुलिस पर बेहद दबाव बनाया गया। बाद में स्वप्ना अबूधाबी लौट गईं और वहां यूएई महावाणिज्य दूतावास में महावाणिज्य दूत की सचिव बन गईं। स्वप्ना ने 2019 में ही ये नौकरी छोड़ दी थी। हालांकि, पुलिस का कहना है कि उन्हें नौकरी से निकाला गया था।  

यह है सोना तस्करी से जुड़ा आरोप 
आरोप हैं कि यूएई वाणिज्य दूतावास में नौकरी करना स्वप्ना की जिंदगी को नए मोड़ पर ले गया। दरअसल, यूएई महावाणिज्य दूतावास जब तिरुवनंतपुरम में शुरू हुआ तो स्वप्ना ने यहां बड़े-बड़े लोगों से अपनी पहचान बढ़ानी शुरू की। बड़े होटलों में होने वाली पार्टियों में वह अक्सर शामिल होती थीं। अरबी समेत कई भाषाएं जानने वाली स्वप्ना बाद में केरल आने वाले अरब नेताओं की टीम में भी शामिल होने लगीं। अपने प्रभाव के जरिए स्वप्ना ने इस दौरान सामाजिक, नौकरशाही और राजनीतिक लोगों से भी संपर्क स्थापित किए। आरोप है कि कई बार वे खुद को एक राजनयिक भी बताती थीं।  

'डील वुमन' पड़ गया नाम
केरल में एक अभिनेत्री से जबरन वसूली केस में जब पुलिस ने पूछताछ की तो किसी महिला का नाम सामने आया। 'डील वुमन' के नाम से मशहूर इस महिला के बारे में जानकारी मिली तो कस्टम अधिकारियों ने 13 करोड़ रुपये का सोना डिप्लोमेटिक बैगेज से बरामद किया। पुलिस को पता चला कि सोना तस्करी करने वाला गैंग मॉडल्स और अभिनेत्रियों के जरिए सोने की तस्करी कर रहा है। पुलिस का कहना है कि जांच में पता चला कि स्वप्ना सुरेश ही 'डील वुमन' है। वह इस गैंग को गंभीर मामलों में फंसने के बाद बाहर निकालती थी।