सार

मॉरीशस की सरकार ने एचएएल के साथ ALH MK III हेलिकॉप्टरों की खरीद के लिए समझौता किया है। इसका इस्तेमाल मॉरीशस की पुलिस करेगी।

नई दिल्ली। आजादी के बाद से भारत लंबे समय से लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्टर, तोप, टैंक और अन्य हथियारों के लिए विदेशों पर निर्भर रहा है। हालांकि धीरे-धीरे स्थिति बदल रही है। भारत अब मिसाइल, विमान और हेलिकॉप्टर जैसे अत्याधुनिक सैन्य साजो-सामान का निर्यात भी करने लगा है। भारत सरकार की कंपनी हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा बनाया गया एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर (ALH MK III) अपनी श्रेणी में दुनिया के अन्य हेलिकॉप्टरों को कड़ी टक्कर दे रहा है। यही कारण है कि इसकी ओर दुनिया के अन्य देश आकर्षित हो रहे हैं।

मॉरीशस की सरकार ने बुधवार को एचएएल के साथ ALH MK III हेलिकॉप्टरों की खरीद के लिए समझौता किया है। मॉरीशस की सरकार इस हेलिकॉप्टर को अपने देश की पुलिस के इस्तेमाल के लिए खरीद रही है। इस सौदे से दोस्त देशों के साथ भारत के रक्षा उत्पाद निर्यात की पहल को मजबूती मिली है। मॉरीशस की सरकार पहले से ही HAL द्वारा बनाए गए उन्नत हल्के हेलिकॉप्टर और डॉर्नियर 228 विमानों का इस्तेमाल कर रही है। एचएएल मॉरीशस को हेलिकॉप्टर की सेवा क्षमता सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी सहायता और उत्पाद सहायता भी सुनिश्चित करेगा।

5.5 टन कैटेगरी का हेलिकॉप्टर है ALH MK III
ALH MK III को भारत में बनाया गया है। यह मल्टीरोल और मल्टी मिशन हेलिकॉप्टर 5.5 टन कैटेगरी का है। इस हेलिकॉप्टर ने कई तरह के रोल में अपनी उपयोगिता साबित की है। भारत हो या विदेश, इस हेलिकॉप्टर ने प्राकृतिक आपदाओं के समय कई जीवन रक्षक अभियानों को अंजाम दिया है। अभी तक 335 ALH बनाया गए हैं।

बता दें कि हिंद महासागर क्षेत्र में स्थित मॉरीशस रणनीतिक रूप से भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण देश है। हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA) के भारतीय नेतृत्व वाली पहल का मुख्यालय मॉरीशस में है। IORA के आठ अफ्रीकी सदस्य देश हैं, जिनमें मेडागास्कर, तंजानिया, केन्या, दक्षिण अफ्रीका, मोजांबिक और कोमोरोस जैसे देश शामिल हैं।

 

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