सार

कर्नाटक में हिजाब विवाद (hijab controversy) के बीच सोमवार से 9वीं और 10वीं क्लास के स्कूल ओपन हो गए। लेकिन मामले की गंभीरता को समझते हुए स्कूलों के आसपास धारा 144 लागू कर दी गई है। वहीं राज्य सरकार ने प्रथम श्रेणी के कॉलेजों, स्नातकोत्तर, तकनीकी शिक्षा के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को 16 फरवरी तक बंद रखा है।

बेंगलुरु, कर्नाटक. कर्नाटक में हिजाब विवाद (hijab controversy) के बीच सोमवार से 9वीं और 10वीं क्लास के स्कूल ओपन हो गए। लेकिन मामले की गंभीरता को समझते हुए स्कूलों के आसपास धारा 144 लागू कर दी गई है। वहीं राज्य सरकार ने प्रथम श्रेणी के कॉलेजों, स्नातकोत्तर, तकनीकी शिक्षा के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को 16 फरवरी तक बंद रखा है। उडुपी में भी स्कूल खुल गए। बता दें कि यही से हिजाब को लेकर विवाद शुरू हुआ था। असामाजिक तत्वों और उपद्रवियों को आगाह करने के मकसद से रविवार को शिवमोगा में पुलिस ने फ्लैग मार्च भी किया था। वहीं, उडुपी में 11 फरवरी को फ्लैग मार्च किया गया था।

pic.twitter.com/xGoCHDq7mj


यह भी पढ़ें-हिजाब विवाद: कर्नाटक कांग्रेस नेता जमीर अहमद का शॉकिंग बयान-'हिजाब नहीं पहनने पर होता है रेप'

स्कूलों के 200 मीटर के दायरे में 5 लोग नहीं जुट सकेंगे
उडुपी के कमिश्नर एम कूर्मा के मुताबिक, सभी हाईस्कूलों के आसपास 200 मीटर के दायरे में धारा 144 लागू कर दी गई है। यहां एक साथ 5 लोग इकट्ठे नहीं हो सकेंगे। इस दौरान विरोध रैलियां, नारेबाजी, भाषण आदि पर भी रोक है। यहां 19 फरवरी तक धारा 144 लागू रहेगी। 20 फरवरी को रविवार है।

यह भी पढ़ें-Hijab Controversy: केरल के राज्यपाल ने कहा- मुस्लिम लड़कियों को आगे बढ़ने से रोकने की साजिश है हिजाब विवाद

कर्नाटक से शुरू हुआ था विवाद
बता दें कि कर्नाटक में हिजाब विवाद की शुरुआत उडुपी के एक कॉलेज से हुई थी। यहां जनवरी में हिजाब पर बैन लगा दिया था। इस मामले के बाद उडुपी के ही भंडारकर कॉलेज में भी ऐसा ही किया गया। अब यह बैन शिवमोगा जिले के भद्रवती कॉलेज से लेकर तमाम कॉलेज तक फैल गया है। इस मामले को लेकर रेशम फारूक नाम की एक छात्रा ने कर्नाटक हाईकोर्ट याचिका दायर की है। 

यह भी पढ़ें-Hijab पर दूसरे मुल्कों के कमेंट पर GoI को सख्त ऐतराज, MEA बोला-आंतरिक मसला हमें सुलझाना आता

इसमें कहा गया कि हिजाब पहनने की अनुमति न देना संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 के तहत मौलिक अधिकारों का हनन है। भंडारकर कॉलेज में हिजाब पहनी छात्राओं को कॉलेज के प्रिंसिपल ने अंदर नहीं आने दिया था। उनका तर्क था कि शासन के आदेश व कालेज के दिशा-निर्देशों के अनुसार उन्हें कक्षाओं में यूनिफॉर्म में आना होगा। जबकि छात्राओं का तर्क था कि वे लंबे समय से हिजाब पहनकर ही कॉलेज आती रही हैं। कर्नाटक हाईकोर्ट राज्य में मुस्लिम छात्राओं द्वारा दायर याचिकाओं के एक बैच को बड़ी बेंच के पास भेजा है। इस मामले में सुनवाई करते हुए बड़ी बेंच ने अंतरिम आदेश सुनाया था। चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी ने कहा था कि जब तक हम मामला सुन रहे हैं, तब तक छात्र धार्मिक वस्त्र पहनने पर जोर न दें।

यह भी पढ़ें-Hijab controversy: देशभर में समर्थन व विरोध में उठे सुर;कर्नाटक के मंत्री बोले-विवाद के पीछे कांग्रेस का हाथ

जजों को धमकी
इस बीच कर्नाटक हाईकोर्ट के जजों को सिख फॉर जस्टिस (Sikhs For Justice) द्वारा धमकी देने का मामला सामने आया है। यही संगठन पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक मामले में भी सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को धमकी दे रहा है। न्यूज चैनल रिपब्लिक भारत के मुताबिक भारत हिजाब मामले में प्रतिबंधित संगठन ने न्यायाधीशों को चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि वह 'खालिस्तान जनमत संग्रह' के समान 'हिजाब जनमत संग्रह' शुरू करेगा। ऑडियो मैसेज में कहा गया है- यह संदेश कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए है। आतंकी संगठन ने अमेरिकी राजदूत राशद हुसैन की प्रतिक्रिया का भी हवाला दिया। 42 वर्षीय पूर्व अमेरिकी दूत ने मामले पर कर्नाटक उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश पर असहमति जताई थी।