सार
वैज्ञानिकों ने एड्स (AIDS) का इलाज खोजा है। इजराइल के तेल अवीव विश्वविद्यालय के रिसर्च में दावा किया गया है कि ऐसा वैक्सीन बनाने में कामयाबी मिल गई है जिसके एक डोज से ही एड्स का इलाज हो जाएगा।
नई दिल्ली। वैज्ञानिकों ने एड्स (AIDS) का इलाज खोज लिया है। जीन एडिटिंग टेक्नीक से एक ऐसे वैक्सीन का अविष्कार किया गया है जो एड्स को खत्म कर देगा। रिसर्च में दावा किया गया है कि वैक्सीन की एक डोज ही एड्स की बीमारी को दूर करने के लिए काफी होगी। एड्स के टीके की खोज इजराइल के तेल अवीव विश्वविद्यालय के एक रिसर्च में की गई है। वैज्ञानिकों की टीम ने टाइप बी की सफेद रक्त कोशिकाओं के जीन को बदला। इससे यह एचआईवी खत्म करने वाले एंटीबॉडी का निर्माण करने लगी।
नेचर जर्नल में प्रकाशित रिसर्च के नतीजे के अनुसार जीन एडिटिंग से जो एंटीबॉडी बना वह पूरी तरह सुरक्षित और शक्तिशाली है। इससे न केवल संक्रामक रोगों का इलाज हो सकता है, बल्कि कैंसर जैसी बीमारी का इलाज भी हो सकता है। रिसर्च टीम का दावा है कि वैक्सीन से रोगियों की स्थिति में जबरदस्त सुधार आता है। इसके एक इंजेक्शन से वायरस के संक्रमण को हराया जा सकता है।
बता दें कि बी कोशिकाएं एक प्रकार की श्वेत रक्त कोशिका होती हैं जो वायरस और बैक्टीरिया के खिलाफ एंटीबॉडी बनाती हैं। ये कोशिकाएं अस्थि मज्जा (bone marrow) में बनती हैं। जब वे मैच्योर हो जाते हैं तो बी कोशिकाएं रक्त और लसीका प्रणाली में चली जाती हैं और वहां से शरीर के विभिन्न भागों में चली जाती हैं। वैज्ञानिकों ने इन बी कोशिकाओं के जीन में बदलाव किया है, जिसके चलते ये एचआईवी के वायरस को खत्म करने के लिए एंटीबॉडी बनाने में सक्षम हैं।
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क्या है एड्स?
बता दें कि एड्स एक यौन रोग है। यह ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस के संक्रमण के चलते होता है। इसमें मरीज की रोग से लड़ने की क्षमता प्रभावित होती है। जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है पीड़ित की रोगों से लड़ने की क्षमता कम होती जाती है, जिससे अंत में मौत हो जाती है। एचआईवी चिम्पैंजी में पाया जाता था। माना जाता है कि 18वीं सदी में यह इंसानों में आया। एड्स को अभी तक लाइलाज बीमारी माना जाता है।
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