सार
भारत सहित देश के कई हिस्सों में लॉकडाउन है। कर्मचारी घर से ही काम कर रहे हैं। इस दौरान मीटिंग और वीडियो कॉल के लिए Zoom वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप का खूब इस्तेमाल किया जा रहा है। अब गृह मंत्रालय ने इस ऐप को लेकर एडवाइजरी जारी की है।
नई दिल्ली. भारत सहित देश के कई हिस्सों में लॉकडाउन है। कर्मचारी घर से ही काम कर रहे हैं। इस दौरान मीटिंग और वीडियो कॉल के लिए Zoom वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप का खूब इस्तेमाल किया जा रहा है। अब गृह मंत्रालय ने इस ऐप को लेकर एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी में कहा गया है कि यह ऐप सुरक्षित नहीं है। इसका सावधानी से इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
ऐप में कोई भी कर सकता है घुसपैठ
केन्द्रीय गृह मंत्रालय के साइबर को-ओरडिनेशन सेंटर द्वारा जारी एडवाइजरी में कहा गया है, इस ऐप के जरिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कोई भी अनधिकृत रूप से एंट्री ले सकता है। इसलिए यूजर्स और कंपनियों को सावधानी बरतनी चाहिए। इसके लिए फुलप्रूफ प्लान बनाना चाहिए। एडवाइजरी में कहा गया है कि सॉफ्टवेयर में किसी तरह की सेंधमारी हो सकती है। सरकार ने अपनी एडवाइजरी में जूम ऐप का इस्तेमाल करने से मना नहीं किया है बल्कि इसका इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतने की बात कही है।
कैसे रखे सावधानी?
एडवाइजरी में बताया गया है कि जूम ऐप से बात करते वक्त प्रत्येक बैठक के समय यूजर और पासवर्ड बदलते रहना चाहिए।
वेबकैम जब काम न कर रहा हो तो उसे तुरन्त बंद कर दें। अगर एंड्रायड में ऐप यूज कर रहे हैं तो सेटिंग से एप्स कैमरा पर जाएं और वहां से परमिशन पर जाकर डिसेबल पर क्लिक कर दें।
विश्वसनीय वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) इस्तेमाल करें। यह ऑनलाइन गतिविधियाें को एनक्रिप्ट करता है। इससे आपके सिस्टम का आईपी एड्रैस या लाेकेशन का पता नहीं लग सकेगा।
राउटर के लिए मजबूत पासवर्ड रखिए, जिसे कोई आसानी से गेस न कर सके।
स्क्रीन शेयरिंग विकल्प काे मैनेज करें। इसके लिए शेयर स्क्रीन के एडवांस शेयरिंग ऑप्शन पर जाएं। इसके बाद हाेस्ट विकल्प को चुनें और विंडो बंद कर दें।
जूम वीडियो ऐप विकल्प देता है कि मीटिंग शुरू होने के बाद उसे लॉक कर दें। इससे यह होगा कि कोई दूसरा उस ग्रुप को ज्वॉइन नहीं कर सकेगा।
किसी से भी पासवर्ड शेयर करने से पहले अच्छी तरह से जांच कर लेनी चाहिए कि किसी ऐसे व्यक्ति को पासवर्ड न दे दें, जो उसका गलत इस्तेमाल कर ले।
ऐप में कोई भी कर सकता है घुसपैठ
केन्द्रीय गृह मंत्रालय के साइबर को-ओरडिनेशन सेंटर द्वारा जारी एडवाइजरी में कहा गया है, इस ऐप के जरिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कोई भी अनधिकृत रूप से एंट्री ले सकता है। इसलिए यूजर्स और कंपनियों को सावधानी बरतनी चाहिए। इसके लिए फुलप्रूफ प्लान बनाना चाहिए। एडवाइजरी में कहा गया है कि सॉफ्टवेयर में किसी तरह की सेंधमारी हो सकती है। सरकार ने अपनी एडवाइजरी में जूम ऐप का इस्तेमाल करने से मना नहीं किया है बल्कि इसका इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतने की बात कही है।
कैसे रखे सावधानी?
एडवाइजरी में बताया गया है कि जूम ऐप से बात करते वक्त प्रत्येक बैठक के समय यूजर और पासवर्ड बदलते रहना चाहिए।
वेबकैम जब काम न कर रहा हो तो उसे तुरन्त बंद कर दें। अगर एंड्रायड में ऐप यूज कर रहे हैं तो सेटिंग से एप्स कैमरा पर जाएं और वहां से परमिशन पर जाकर डिसेबल पर क्लिक कर दें।
विश्वसनीय वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) इस्तेमाल करें। यह ऑनलाइन गतिविधियाें को एनक्रिप्ट करता है। इससे आपके सिस्टम का आईपी एड्रैस या लाेकेशन का पता नहीं लग सकेगा।
राउटर के लिए मजबूत पासवर्ड रखिए, जिसे कोई आसानी से गेस न कर सके।
स्क्रीन शेयरिंग विकल्प काे मैनेज करें। इसके लिए शेयर स्क्रीन के एडवांस शेयरिंग ऑप्शन पर जाएं। इसके बाद हाेस्ट विकल्प को चुनें और विंडो बंद कर दें।
जूम वीडियो ऐप विकल्प देता है कि मीटिंग शुरू होने के बाद उसे लॉक कर दें। इससे यह होगा कि कोई दूसरा उस ग्रुप को ज्वॉइन नहीं कर सकेगा।
किसी से भी पासवर्ड शेयर करने से पहले अच्छी तरह से जांच कर लेनी चाहिए कि किसी ऐसे व्यक्ति को पासवर्ड न दे दें, जो उसका गलत इस्तेमाल कर ले।