सार
महिला वेटनरी डॉक्टर से की गई दरिंदगी के बाद आरोपियों को हैदराबाद पुलिस ने 48 घंटे से भी कम समय में पुलिस ने चारों को धर दबोचा। पुलिस ने इन सात कड़ियों को जोड़कर आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
हैदराबाद. महिला वेटनरी डॉक्टर से की गई दरिंदगी के बाद आरोपियों को पकड़ना पुलिस के लिए आसान काम नहीं था। गैंगरेप के बाद हत्या और फिर लाश को जला देने के बाद एक ओर जहां पूरे देश में गुस्से का महौल है। वहीं, पुलिस के सामने जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार करने का चैलेंज था। हालांकि 48 घंटे से भी कम समय में पुलिस ने चारों को धर दबोचा। लेकिन पुलिस ने ऐसे कैसे कर लिया यह चर्चा का विषय है। आखिर पुलिस ने घटना के सामने आने के बाद कैसे आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए अपनी बिसात बिछाई।
ये 7 कड़ियां, जिनकी मदद से पुलिस को मिली कामयाबी
1. लेडी डॉक्टर की बहन के बयान के आधार पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। जिसमें मृतका की बहन ने बताया था कि स्कूटी का टायर पंक्चर हो गया था, इसलिए वह टोल प्लाजा के पास फंस गई थी। जिसके बाद पुलिस ने सबसे पहले टोल प्लाज़ा के पास टायर मैकेनिक की तलाश शुरू की। पुलिस जैसे ही मैकेनिक तक पहुंची उसने पुलिस को बता दिया कि उसके पास लाल रंग की एक स्कूटी टायर ठीक कराने के लिए आई थी। इसके साथ ही उसने पुलिस को यह भी क्लू दे दिया कि वो स्कूटी रॉन्ग साइड से आई थी।
2. जांच पड़ताल के बीच टोल प्लाजा से करीब 30 किमी दूर एक किसान ने पुलिस को सूचना दी कि उसने एक जला हुआ शव देखा है। पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर के परिवार के लोगों को घटनास्थल पर बुलाया। अधजले स्कार्फ और गोल्ड पेंडेंट से डॉक्टर के शव की पहचान हुई।
3. टोल प्लाजा के पास से मैकेनिक के बयान के बाद सक्रिय हुई पुलिस ने जांच आगे बढ़ाई तो पुलिस को रोड की दूसरी तरफ एक फैक्ट्री दिखी, जहां बाहर की ओर सीसीटीवी लगी हुई थी। जिसके बाद पुलिस ने तुरंत ही फुटेज को खंगाला शुरू किया। जिसमें दो आरोपी स्कूटी के साथ आगे बढ़ते हुए दिखाई दे रहे थे। जबकि एक दूसरे फुटेज में काफी देर से खड़ा एक ट्रक भी दिखाई दिया। लेकिन अंधेरा ज्यादा होने के कारण ट्रक के नंबर का पता नहीं चल पाया।
4. आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस खाक छानते फिर रही थी। जिसके बाद पुलिस ने सीसीटीवी के उसी फुटेज को 6-7 घंटे पीछे करके देखना शुरू किया तो सामने आया कि ये ट्रक दिन में ही वहां खड़ा किया गया था। ट्रक का नंबर मिलते ही पुलिस ने मालिक की खोज शुरू कर दी। जिसके पुलिस को जानकारी मिली की इसका मालिक श्रीनिवास रेड्डी है, जिसके पास 15 ट्रक है।
5. सीसीटीवी फुटेज से मिली जानकारी के बाद पुलिस ने ट्रक के मालिक को फुटेज दिखाए। जिसमें उसने उस संदिग्ध को नहीं पहचाना, जो स्कूटी लेकर आगे बढ़ रहा था। लेकिन मालिक ने पुलिस को यह जानकारी जरूर दे दी कि उस ट्रक को मोहम्मद आरिफ नामक ड्राइवर चलाता है। जिसके बाद आरोपियों के करीब पहुंचने में पुलिस के हाथ खास सफलता मिली।
6. इस बीच पुलिस की एक दूसरी टीम ने पास के एक पेट्रोल पंप के सीसीटीवी फुटेज को खंगालना शुरू किया। यहां फिर वहीं संदिग्ध दिखा जो स्कूटी को मैकेनिक के पास लेकर जा रहा था। ये शख्स यहां एक बोतल में पेट्रोल या डीज़ल खरीद रहा था।
7. पुलिस की टीम ने मोबाइल के टावर लोकेशन की मदद से आरोपियों की खोज खबर शुरू कर दी। पुलिस ने ट्रक ड्राइवर आरिफ को भी कॉल किया, जिसका नंबर उसके मालिक ने दिया था। इन दोनों की जानकारी के आधार पर पुलिस की टीम आरोपियों तक पहुंचने में सफल हुई।