रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन सीमा विवाद को लेकर रविवार को हाई लेवल मीटिंग की। इस बैठक में सीडीएस बिपिन रावत, आर्मी चीफ एमएम नरवाणे, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, नौसेना चीफ एडमिरल करमबीर सिंह भी मौजूद रहे। बैठक में चीन की आक्रमकता का जवाब देने के लिए सेना को खुली छूट दी गई है। 

नई दिल्ली. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन सीमा विवाद को लेकर रविवार को हाई लेवल मीटिंग की। इस बैठक में सीडीएस बिपिन रावत, आर्मी चीफ एमएम नरवाणे, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, नौसेना चीफ एडमिरल करमबीर सिंह भी मौजूद रहे। बैठक में चीन की आक्रमकता का जवाब देने के लिए सेना को खुली छूट दी गई है। 

समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया, इस हाई लेवल रिव्यू मीटिंग में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की किसी भी आक्रमकता का जवाब देने के लिए सेना से तैयार रहने के लिए कहा गया है। सेना को किसी भी हरकत पर कार्रवाई करने की खुली छूट दी गई है।

Scroll to load tweet…


अलग रणनीति अपनाएंगे भारतीय सुरक्षाबल
सूत्रों ने बताया, बैठक में भारतीय सुरक्षाबलों को खुली छूट दी गई है कि वे पूर्वी लद्दाख में चीन के किसी भी गलत व्यव्हार का जवाब अपने तरीके से दे सकते हैं। इसके अलावा बैठक में तय हुआ है कि चीन के साथ सीमा की रखवाली के लिए अलग सामरिक दृष्टिकोण अपनाया जाएगा। 

चीन पर कड़ी नजर रखने के दिए संकेत
बैठक में संकेत दिए गए हैं कि सीमा, हवाई और जल क्षेत्र में चीन की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाए। 

गलवान में शहीद हु्ए थे 20 जवान
15 जून को लद्दाख के गलवान घाटी में भारत और चीन के जवानों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस दौरान भारत के 20 जवान शहीद हुए थे। वहीं, इस दौरान चीन के 43 सैनिकों के हताहत होने की खबर है। हालांकि, चीन ने अभी तक इसे स्वीकार नहीं किया है।