सार

रूस भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक शुरू हो चुकी है। लद्दाथ की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद ये पहला मौका है। जब भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी आमने-सामने हैं।

नई दिल्ली. भारत और चीन के बीच लद्दाख के गलवान घाटी में जारी तनाव को दोनों देश बातचीत के जरिए कम करने की कोशिशों में लगे हैं। अब इसी बीच चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से बयान आया है। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत और चीन सीमा पर स्थिति को बातचीत और परामर्श के जरिए शांत करने के लिए कदम उठाने पर दोनों देश सहमत हैं। दरअसल, भारत-चीन-रूस के विदेश मंत्रियों की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई। इस दौरान एस जयशंकर ने कहा कि विश्व के नेतृत्व की आवाज सबके हित में उठनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन आवाजों को सबके लिए उदाहरण पेश करना होगा।

 

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कही ये बात 

बैठक के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यह विशेष बैठक अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की समीक्षा के लिए है, लेकिन आज जो चुनौती है वह कॉन्सेप्ट या नियमों की नहीं है बल्कि उसकी बराबर तरीके से प्रैक्टिस की है। एस जयशंकर ने कहा, 'यह विशेष बैठक अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के टाइम टेस्टेड प्रिंसिपल में हमारे विश्वास को दोहराती है, लेकिन आज की चुनौती अवधारणाओं और मानदंडों की नहीं, बल्कि इसके समान रूप से अभ्यास की है।'

विदेश मंत्रालय के मुताबिक बताया जा रहा है कि बैठक में कोरोना महामारी की मौजूदा स्थिति पर चर्चा होगी। इसके साथ ही तीनों देशों के विदेश मंत्री सुरक्षा, आर्थिक स्थिरता और सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों पर चर्चा कर सकते हैं।

भारत के 20 जवान हुए थे शहीद 

भारत-चीन के बीच सीमा पर विवाद जारी है। इस बीच तीनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच ये बैठक हुई है। गौरतलब है कि 15 जून को LAC पर चीनी सैनिकों ने धोखे से भारतीय जवानों पर हमला कर दिया था। इसमें 20 जवान शहगी हुए थे। जिसके बाद बॉर्डर पर तनाव पूर्ण स्थिति बनी हुई थी। तमाम बातचीतों में इस मसले को सुलझाने की कोशिश की गई। इसके साथ ही सीमा पर बिगड़े हालतों के बीच एस. जयशंकर और वांग यी के बीच फोन पर सीमा विवाद को लेकर चर्चा हुई थी।