सार
भारत पाकिस्तान से लगी सीमा पर छह महीने में स्वदेशी एंटी ड्रोन सिस्टम (Anti Drone System) तैनात करेगा। इसके लिए तीन सिस्टम का ट्रायल चल रहा है। इससे सीमा पार से ड्रग्स और हथियार भेजे जाने पर रोक लगेगी।
नई दिल्ली। बीते कुछ वर्षों में ड्रोन भारतीय सेना के लिए बड़े खतरे के रूप में सामने आए हैं। पाकिस्तान की ओर से ड्रोन की मदद से हथियार और ड्रग्स भारत में पहुंचाए जा रहे हैं। सीमा की रक्षा कर रहे जवान कई ड्रोन मार गिराते हैं, लेकिन इसके बाद भी कई ड्रग्स और हथियार की खेप पहुंचाने में कामयाब हो जाते हैं।
इस चुनौती से पार पाने के लिए पाकिस्तान से लगी सीमा पर अगले छह महीने में स्वदेशी एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात किया जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एंटी- ड्रोन सिस्टम का ट्रायल चल रहा है। तीन ऑप्शन को टेस्ट किया जा रहा है। एंटी ड्रोन सिस्टम को राजस्थान से लेकर पंजाब तक, पाकिस्तान से लगी पूरी सीमा पर तैनात किया जाएगा।
ड्रोन की मदद से हथियार और ड्रग्स पहुंचा रहा पाकिस्तान
पिछले कई सालों से पंजाब और जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की ओर से ड्रोन की मदद से ड्रग्स और हथियार गिराए जा रहे हैं। यह सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी समस्या है। 1 नवंबर 2022 से 31 अक्टूबर 2023 तक बीएसएफ ने पाकिस्तान की ओर से भेजे गए 90 ड्रोन को मार गिराया। इनमें से 81 को पंजाब में और 9 को राजस्थान में गिराया गया। बीएसएफ के सूत्रों के अनुसार पिछले साल 300-400 बार सीमा के पास ड्रोन देखे गए।
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सीमा पार से आने वाले ड्रोन को रोकने के लिए बीएसएफ ने निगरानी बढ़ा रखी है। इसके चलते तस्कर अपनी रणनीति बदल रहे हैं। पहले बड़े आकार के ड्रोन से अधिक मात्रा में ड्रग्स और हथियार भेजे जाते थे। ऐसे ड्रोन बीएसएफ द्वारा गिराए जाने लगे तो तस्करों ने छोटे ड्रोन भेजने शुरू किए। ये ड्रोन 750 ग्राम ड्रग्स लेकर आते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पाकिस्तान से उड़ाए जाने वाले अधिकांश ड्रोन चीन में बने होते हैं। ये आसानी से उपलब्ध होते हैं और तुर्की या ईरान के ड्रोन की तुलना में सस्ते होते हैं।