सार
आईएनएक्स मीडिया केस का खुलासा 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच के दौरान हुआ, जब एयरसेल-मैक्सिस डील की जांच चल रही थी।
नई दिल्ली. पी चिदंबरम की मुसीबतें दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही हैं। दिल्ली की एक अदालत ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में तिहाड़ जेल में बंद पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम की वह याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी जिसमें उन्होंने इस मामले में सरेंडर करने का अनुरोध किया था। उनकी याचिका विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने खारिज की है।
ईडी ने किया था विरोध
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत को गुरुवार को बताया था कि आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में चिदंबरम की गिरफ्तारी जरूरी है और उचित समय आने पर ऐसा किया जाएगा। वहीं, चिदंबरम के वकील ने कहा था कि ईडी की दलील दुर्भावनापूर्ण है और उसकी मंशा चिदंबरम को परेशान करने की है। हालांकि, सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोर्ट को बताया कि वह फिलहाल चिदंबरम को गिरफ्तार नहीं करना चाहती। ईडी ने चिदंबरम की सरेंडर याचिका का विरोध करते हुए कहा कि वह अभी जेल में हैं। ऐसे में अगर वे बाहर आते हैं तो गवाहों या सबूतों को प्रभावित नहीं कर कर सकते हैं।
चिदंबरम (73) आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में पहले से ही न्यायिक हिरासत में हैं। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है।
कैसे खुला मामला ?
आईएनएक्स मीडिया केस का खुलासा 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच के दौरान हुआ, जब एयरसेल-मैक्सिस डील की जांच चल रही थी। मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही ईडी का ध्यान मैक्सिस से जुड़ी कंपनियों से कार्ति चिदंबरम से जुड़ी कंपनियों में पैसे आने पर गया। यहीं से कार्ति का नाम सामने आया।
पी चिदंबरम का नाम कैसे आया ?
चिदंबरम का नाम तब आया, जब ईडी ने आईएनएक्स मीडिया के प्रमोटर इंद्राणी मुखर्जी और उनके पति पीटर मुखर्जी से पूछताछ की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इंद्राणी मुखर्जी ने जांच अधिकारियों को बताया कि चिदंबरम ने एफआईपीबी मंजूरी के बदले बेटे कार्ति को विदेशी धन के मामले में मदद करने की बात कही थी।