सार
राज जन्मभूमि विवाद पर मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में जाने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि वे अब इस मामले को बढ़ाना नहीं चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट का फैसला ही सर्वमान्य होगा। बोर्ड के कन्वेनर जफरयाब जिलानी ने सभी मुस्लिम पक्षकारों को लखनऊ में बैठक के लिए आमंत्रित किया था।
लखनऊ. राज जन्मभूमि विवाद पर मुस्लिम पक्ष ने पुनर्विचार याचिका दायर करने का फैसला किया है। नदवा कॉलेज में हुई एक अनऔपचारिक बैठक में यह फैसला लिया गया। मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने पहले ही ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में जाने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि वे अब इस मामले को बढ़ाना नहीं चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट का फैसला ही सर्वमान्य होगा। बोर्ड के कन्वेनर जफरयाब जिलानी ने सभी मुस्लिम पक्षकारों को लखनऊ में बैठक के लिए आमंत्रित किया था।
लखनऊ के नदवा कॉलेज में हुई बैठक
यह बैठक लखनऊ के इस्लामिक शिक्षण केंद्र दारुल उलूम नदवातुल उलेमा (नदवा कॉलेज) में रखी गई थी, जिसमें मुस्लिम पक्ष के कई बड़े चेहरे शामिल हुए और सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर रिव्यू पिटीशन दाखिल करने पर सहमति जताई। इस दौरान पक्षकारों से वकालतनामे पर हस्ताक्षर भी करवाया गया। हालांकि यह अौपचारिक बैठक नहीं थी। इसलिए रविवार को ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक होगी और इस मामले में आखिरी निर्णय लिया जाएगा।
बैठक में शामिल नहीं हुए इकबाल अंसारी
इकबाल अंसारी ने बताया कि शनिवार को लखनऊ में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक बुलाई गई। लेकिन उन्होंने बैठक में न शामिल होने का फैसला किया। सुप्रीम कोर्ट ने जब राम जन्मभूमि पर फैसला सुनाया था तब भी इकबाल अंसाली ने कहा था कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट का फैसला मान्य है। वह इस मामले में आगे कुछ और नहीं चाहते हैं। इकबाल अंसारी ने सभी से अपील करते हुए कहा कि सबको सुप्रीम कोर्ट के फैसले का आदर करना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या फैसला सुनाया था
राम जन्मभूमि बाबरी विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि विवादित भूमि रामलला को दी जाती है। वहीं पर उनका मंदिर बनेगा। वहीं मस्जिद के लिए अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन दी जाएगी। हालांकि बाद में कुछ नेताओं ने कहा था कि कोर्ट ने जो जमीन दी है उसे नहीं लेना चाहिए।