सार

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में उनकी एक तस्वीर का अनावरण किया। अब इसे लेकर सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई है। कुछ लोग इस तस्वीर को सुभाष चंद्र बोस की जगह एक अभिनेता की बता रहे हैं। वहीं सरकार का कहना है कि जो तस्वीर राष्ट्रपति भवन में लगाई गई है, वह ऑरिजनल फोटो से बनाई गई है। 

नई दिल्ली. नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में उनकी एक तस्वीर का अनावरण किया। अब इसे लेकर सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई है। कुछ लोग इस तस्वीर को सुभाष चंद्र बोस की जगह एक अभिनेता की बता रहे हैं। वहीं सरकार का कहना है कि जो तस्वीर राष्ट्रपति भवन में लगाई गई है, वह ऑरिजनल फोटो से बनाई गई है। 

कहां से शुरू हुआ विवाद ?
दरअसल, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में नेताजी की तस्वीर का अनावरण किया। इस तस्वीर पर कुछ पत्रकारों और नेताओं ने सवाल खड़े किए। बरखा दत्त ने लिखा, यह सुनकर चकित हूं कि राष्ट्रपति भवन में नेताजी की जगह अभिनेता प्रसनजीत चटर्जी की तस्वीर लगा दी, जिन्होंने नेताजी का रोल निभाया था। यह काफी शर्मिंदा भरा है। इतना ही नहीं आदिल हुसैन ने भी दावा किया कि राष्ट्रपति भवन में एक्टर की तस्वीर लगाई गई है। इसके अलावा तमाम पत्रकारों ने भी यही दावा किया। 


 

क्या है सच्चाई?
सोशल मीडिया पर किए जा रहे इन दावों से मन में संदेह होना लाजिमी है कि क्या वास्तव में राष्ट्रपति भवन में नेताजी की जगह एक्टर की तस्वीर लगाई गई है। या प बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर यह सिर्फ झूठ फैलाया जा रहा है।

जब हमने दोनों तस्वीरों को देखा तो अंतर साफ नजर आता है। तस्वीर 1 नेताजी की असली तस्वीर है, इसी के आधार पर तस्वीर बनाकर राष्ट्रपति भवन में लगाई गई है। जबकि दूसरी तस्वीर अभिनेता प्रसनजीत चटर्जी की है। जिन्होंने फिल्म में नेताजी का रोल निभाया था। 

नेताजी के परपोते चंद्र कुमार बोस ने इस साल जनवरी में ही नेताजी की असली तस्वीर शेयर  की थी। यह तस्वीर देखकर साफ पता चलता है कि राष्ट्रपति कोविंद ने जिस तस्वीर का अनावरण किया है, वह नेताजी की ही है।

नेताजी की फोटो को एक्टर की बताने पर स्मृति ईरानी ने लगाई फटकार
वहीं, नेताजी को फोटो को एक्टर की बताने तस्वीर बताने को लेकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने फटकार लगाई है। ईरानी ने कहा, यह एक तरह की विकृत मानसिकता वाले लोगों की हताशा है जो वे भारत के राष्ट्रपति कार्यालय को ट्रोल करने पर उतर आए हैं और हमारे राष्ट्रीय गौरव नेताजी की विरासत को धाराशायी करने की कोशिश में जुटे हैं।