सार
इसरो आज स्माल सैटेलाइट लॉन्च वेहिकल डी-3 को लॉन्च कर दिया है। SSLV D3 EOS 08 की यह तीसरी और अंतिम उड़ान है। इससे पहले फरवरी 2023 में SSLV D2 EOS 07 का सफल परीक्षण किया गया था।
नेशनल न्यूज। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेश (इसरो) ने आज एक और ऐतिहासिक कारनामा कर इतिहास रच दिया है। इसरो ने एसएसएलवी डी-3 सैटेलाइट को लॉन्च कर दिया है। यह पूरे विश्व के लिए महत्वपूर्ण घटना है। SSLV D3 EOS 08 की यह तीसरी और अंतिम फ्लाइट है। इससे पहले फरवरी 2023 में SSLV D2 EOS 07 का सफल परीक्षण किया गया था। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से यह रॉकेट लॉन्च किया गया है। इससे पहले गुरुवार को वैज्ञानिकों ने तिरुपति बालाजी मंदिर में पूजा-अर्चना कर मिशन की सफलता के लिए प्रार्थना की।
खास है ये SSLV EOS 08 मिशन
ईओएस-08 मिशन का उद्देश्य माइक्रो सैटेलाइट डिजाइन और डेवलप करना है। इसके साथ ही नए पेलोड उपकरण बनाना और भविष्य में सभी सैटेलाइट्स के लिए नई तकनीकों को शामिल करना है। इससे प्राकृतिक आपदा और पर्यावऱण की निगरानी के लिए फोटो भी क्लिक की जा सकेंगी जिससे भविष्य की संभावनाओं का सटीक अनुमान लगाया जा सकेगा। ये सैटेलाइट GNS-R समुद्र की सतह पर हवा की जानकारी, मिट्टी की नमी का आकलन के साथ बाढ़ का पता लगाने में भी सहायक होगा। SIC UV डोसीमीटर गगनयान मिशन में अल्ट्रावायलेट रेडिएशंस की निगरानी करेगा।
34 मीटर लंबा होता है एसएसएलवी रॉकेट
एसएसएलवी रॉकेट की लंबाई 34 मीटर होती है। इसका प्रयोग 500 किलोग्राम वाले सैटेलाइट्स को स्थापित करने के लिए किया जाता है। SSLV D3 EOS 08 मिशन में ले जाने वाले सैटेलाइट्स का वजन 175.5 किलोग्राम है। ईओएस-08 तीन पेलोड लेकर जाएगा। इनमें इलेक्ट्रो आप्टिकल इन्फ्रारेड पेलोड (ईओआइआर), ग्लोबल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम-रिफ्लेक्टोमेट्री पेलोड (जीएनएसएस-आर) और सीआइसी यूवी डोसीमीटर शामिल हैं।
इसरो के वैज्ञानिकों का कहना है कि यह मिशन इसरो की वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड को इंडस्ट्री के साथ ऐसे छोटे सैटेलाइट वेहिकल का प्रयोग कर कॉमर्शियल लॉन्चिंग को भी बढ़ावा देगा।