सार

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विशेष दर्जे की बहाली को लेकर तीन दिनों से हंगामा जारी है। विपक्षी दलों ने प्रस्ताव पेश किया, जिसका भाजपा ने विरोध किया, और नारेबाजी, हाथापाई की नौबत आ गई।

Jammu Kashmir Assembly session: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहले विधानसभा सत्र में लगातार तीन दिनों से मारपीट और हंगामा जारी है। जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा तत्काल बहाल करने की मांग को लेकर विधायक लामबंद हैं। लगातार नारेबाजी, हाथापाई, विधायकों के वेल में कूदने और मार्शल्स द्वारा बाहर निकाले जाने की घटनाओं ने देश-दुनिया का ध्यान विधानसभा सत्र की ओर है। विवाद बुधवार को तब शुरू हुआ जब जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) द्वारा विशेष दर्जा बहाल करने की वकालत करते हुए एक नया प्रस्ताव पेश किया गया। भाजपा ने प्रस्ताव का विरोध करते हुए इसे अवैध बताते हुए वापस लेने की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया।

बीजेपी विधायकों की मांग को स्पीकर ने किया खारिज

स्पीकर अब्दुल रहीम राथर ने बीजेपी विधायकों की मांग को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि स्पीकर के पास किसी प्रस्ताव को खारिज करने का अधिकार नहीं है बल्कि सदन के पास ही पारित किसी भी प्रस्ताव को पलटने का अधिकार है।

गुरुवार को भी हुई थी मारपीट

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में गुरुवार को पीडीपी और पीपुल्स कांफ्रेंस के कुछ विधायकों ने विशेष दर्जा की बहाली की मांग करते हुए एक नया प्रस्ताव पेश किया था। जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्षी भाजपा के सदस्यों ने पारित प्रस्ताव के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। विपक्ष के नेता सुनील शर्मा जब बोल रहे थे तो लंगेट विधायक और बारामुल्ला के सांसद इंजीनियर राशिद के भाई शेख खुर्शीद एक बैनर लेकर वेल में कूद पड़े। बैनर में अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए की बहाली और राजनीतिक कैदियों की रिहाई की मांग की गई थी।

शेख खुर्शीद के वेल में कूद पड़ने के बाद बीजेपी विधायक भी उनका विरोध करते हुए वेल में कूद पड़े। कुछ उनके बैनर की ओर झपटे। बीजेपी के एक विधायक ने बैनर छीन लिया तो अन्य ने उसे फाड़ने की कोशिश शुरू कर दी। उसी वक्त जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस विधायक सज्जाद लोन ने बीजेपी विधायकों को ऐसा करने से रोकना चाहा। इस पर मारपीट शुरू हो गई। स्पीकर के कहने पर मार्शलों ने किसी तरह मामले को शांत कराया। मारपीट तो थम गया लेकिन हंगामा होता रहा।

जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा बहाल किए जाने की मांग

पांच साल पहले जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा छीन जाने के बाद उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया था। केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए हैं। इस चुनाव में नेशनल कांफ्रेंस को बड़ी जीत मिली है और वह सत्ता में आई है। कांग्रेस के साथ मिलकर नेशनल कांफ्रेंस ने चुनाव लड़ा था। विधानसभा चुनाव के बाद शुरू हुए पहले सत्र में पीडीपी ने 370 की बहाली को लेकर प्रस्ताव लाया है। इसके बाद से विधानभा में लगातार हंगामा हो रहा है।

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