सार

शुक्रवार को कश्मीर में लोगों को स्थानीय मस्जिदों में नमाज अदा करने की इजाजत के मद्देनजर प्रतिबंधों में ढील दी गई थी। लोगों द्वारा संभावित प्रदर्शनों की आशंका के मद्देनजर समूची घाटी में सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया था।

श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के बाद राज्य को दो हिस्सों में बांटकर केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया। इसके लिए इलाके में कड़ी सुरक्षा का इंतजाम किया गया था। डोडा और किश्तवाड़ा जिलों में शुक्रवार को कर्फ्यू में ढील दी गई। वहीं जम्मू से धारा 144 वापस ले ली गई। जिससे जनजीवन फिर से सामान्य होने लगा। लेकिन कश्मीर में इंटरनेट पर रोक बरकरार है।

सोपोर में पथराव 

अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि उत्तरी कश्मीर के सोपोर में पथराव की मामूली घटनाओं को छोड़कर घाटी में शांति रही। पथराव की स्थिति पर तत्काल नियंत्रण पा लिया गया और भीड़ को खदेड़ दिया गया। शुक्रवार को कश्मीर में लोगों को स्थानीय मस्जिदों में नमाज अदा करने की इजाजत के मद्देनजर प्रतिबंधों में ढील दी गई थी। लोगों द्वारा संभावित प्रदर्शनों की आशंका के मद्देनजर समूची घाटी में सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया था।

5 अगस्त को लगी थी धारा 144

एक आधिकारिक आदेश के अनुसार जम्मू जिला प्रशासन ने केन्द्र के कदम के मद्देनजर 5 अगस्त को धारा 144 के तहत लगाई थी जिसे अब वापस ले लिया गया है। अधिकारी ने बताया कि कठुआ, सांबा और उधमपुर जिलों में स्थिति कुल मिलाकर सामान्य रही और वहां ज्यादातर स्कूल-कॉलेज खुलने शुरू हो गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि पुंछ, राजौरी और रामबन जिलों में पाबंदियां लागू रहेंगी। जम्मू की जिला मजिस्ट्रेट सुषमा चौहान की ओर से जारी आदेश के अनुसार, सभी स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थान 10 अगस्त से सामान्य कामकाज शुरू कर सकते हैं। किश्तवाड़ के जिला विकास आयुक्त अंग्रेज सिंह राणा ने बताया कि नगर के विभिन्न हिस्सों में चरणबद्ध तरीके से कर्फ्यू में एक घंटे की ढील दी गई।

एक घंटे के लिए बर्ती गई नर्मी

जिला आयुक्त ने बताया कि पूरे जिले में शुक्रवार की नमाज शांतिपूर्ण ढंग से अदा की गई। कर्फ्यू में पहली बार शाम 4 से 5 बजे तक वासर, संगरभट्टा और गिरिनगर के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में ढील दी गई और फिर शाम 6 बजे से 7 बजे तक पोचल-बी, हट्टा, सरकूट और भगवान मोहल्ला इलाकों में नर्मी बरती गई है। 

लम्बे समय तक नहीं बना रहेगा केंद्र शासित प्रदेश

मोदी सरकार ने पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला लिया था। साथ ही जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांटने का भी फैसला किया था। केंद्र के दोनों ही फैसलों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी है। जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को हटाये जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था कि राज्य लम्बे समय तक केन्द्र शासित प्रदेश नहीं बना रहेगा।