JCB वाला 'भगवान', 9 लोगों को बचाकर रातों रात हीरो बना यह ड्राइवर
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खम्मम बाढ़: आज के समय में ज़्यादातर लोग यही सोचते हैं कि मुझे ख़ुशी से मतलब है, बाकी दुनिया चाहे जैसे रहे। ऐसे समय में भी कुछ लोग मानवता को ज़िंदा रखने का काम करते हैं... सुभान खान भी उन्हीं लोगों में से एक हैं। अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की जान बचाने वाले लोग बहुत कम होते हैं... सुभान ने यही काम किया। बाढ़ के तेज़ पानी में फँसे नौ लोगों को बचाकर सुभानी हीरो बन गया।
आखिर हुआ क्या था :
पिछले कुछ दिनों से तेलुगु भाषी राज्यों में बारिश कहर बरपा रही है। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में बहने वाली नदियाँ, नाले और छोटी नदियाँ बाढ़ के पानी से खतरे का रूप ले चुकी हैं। जलाशय, तालाब और कुएँ लबालब भर चुके हैं। पानी का स्तर बढ़ने से रिहायशी इलाकों में पानी घुस गया है।
जिस तरह आंध्र प्रदेश में बुडमेर नदी ने विजयवाड़ा को जलमग्न कर दिया, उसी तरह तेलंगाना में मुन्नेरू नदी ने खम्मम में तबाही मचा दी। भारी बारिश के बाद मुन्नेरू नदी खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी और देखते ही देखते बाढ़ आ गई। पिछले रविवार को पूरा खम्मम शहर पानी में डूब गया।
मुन्नेरू नदी में बाढ़ आने से कुछ लोग पानी में फँस गए। खम्मम के प्रकाश नगर के पास मुन्नेरू नदी पर एक पुल बना हुआ है... उस समय पुल के एकदम किनारे से पानी बह रहा था। ऐसे में 9 लोग पुल पर चढ़कर एक तरफ से दूसरी तरफ जाने की कोशिश करने लगे।
लेकिन जैसे ही वे पुल के बीच में पहुँचे, मुन्नेरू नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया। इससे पुल के दोनों ओर पानी भर गया और वे लोग बीच में फँस गए। उनके आगे और पीछे, दोनों तरफ पानी ही पानी था। तेज़ बहाव वाली मुन्नेरू नदी उन्हें अपनी चपेट में ले लेगी, ऐसा सभी को लग रहा था। तभी सुभान खान मसीहा बनकर वहाँ पहुँच गए।
सुभान खान का साहस :
मुन्नेरू नदी में फँसे लोगों को बचाने के लिए हेलीकॉप्टर की ज़रूरत थी। प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि तेज़ बहाव के बीच से होकर उन लोगों तक पहुँचना नामुमकिन था। उन्होंने आला अधिकारियों से बात करके हेलीकॉप्टर मंगवाने की कोशिश की... लेकिन खराब मौसम की वजह से ऐसा हो नहीं सका।
समय बीतता जा रहा था... मुन्नेरू नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा था। ऐसे में बचाव कार्य के लिए पहुँचे अधिकारी समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर क्या किया जाए। मंत्री तुम्माला नागेश्वर राव भी पुल पर पहुँचकर हालात का जायज़ा लिया। लेकिन वे भी कुछ नहीं कर पा रहे थे।
देखते ही देखते रात हो गई... लेकिन मुन्नेरू नदी में फँसे लोगों को बाहर निकालने का कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था। तभी वहाँ मौजूद जेसीबी के मालिक ने एक फ़ैसला लिया। उन्होंने अपनी जेसीबी को बाढ़ के तेज़ बहाव में भेजने का फ़ैसला किया। उन्होंने अपने यहाँ काम करने वाले जेसीबी ड्राइवर सुभानी से बात की।
नदी में फँसे लोग कौन हैं, यह किसी को नहीं पता था... न तो वे लोग जेसीबी ड्राइवर के परिवार वाले थे और न ही रिश्तेदार... अगर जेसीबी ड्राइवर यह सोचता कि उसे अपनी जान जोखिम में डालकर उन लोगों को क्यों बचाना चाहिए, तो बचाव अभियान आगे नहीं बढ़ पाता। लेकिन सुभानी ने ऐसा नहीं सोचा... उसने मानवता का परिचय दिया। नदी में फँसे लोगों को बचाने के लिए वह आगे आया और अपनी जान जोखिम में डाल दी।
जेसीबी से सिर्फ़ तोड़फोड़ ही नहीं, जान भी बचाई जा सकती है :
प्रशासन ने भी हार मान ली थी... मुन्नेरू नदी में फँसे लोग अपनी जान बचाने के लिए गुहार लगा रहे थे। ऐसे में सुभान खान जेसीबी लेकर नदी में उतर गए। उन्होंने नदी के तेज़ बहाव की परवाह किए बिना सिर्फ़ उन लोगों को बचाने के बारे में सोचा।
सुभानी ने अपनी जेसीबी को बाढ़ के पानी में आगे बढ़ाया। धीरे-धीरे जेसीबी के टायर और फिर पूरी बॉडी... जैसे-जैसे वह आगे बढ़ रहा था, जेसीबी पानी में डूबती जा रही थी। नदी का तेज़ बहाव जेसीबी को बहा ले जाने की कोशिश कर रहा था। लेकिन सुभानी ने बड़ी ही सावधानी से जेसीबी को आगे बढ़ाया।
पूरी जेसीबी पानी में डूब चुकी थी... सिर्फ़ ऊपर का केबिन ही पानी के बाहर था। आखिरकार सुभानी ने यह साहसिक काम करते हुए पुल पर फँसे लोगों तक पहुँच ही गया। उसने उन लोगों को जेसीबी में बिठाया और उसी पानी में वापस आ गया। इस तरह सुभानी ने अपनी जान की परवाह किए बिना नदी में फँसे लोगों को सकुशल बचा लिया।
रातोंरात हीरो बन गए सुभानी :
मुन्नेरू नदी में फँसे लोगों को अपनी जान पर खेलकर बचाने वाले जेसीबी ड्राइवर सुभान खान रातोंरात हीरो बन गए। उन्होंने जिस तरह जेसीबी लेकर नदी में उतरकर 9 लोगों की जान बचाई, उस घटना को वहाँ मौजूद कुछ लोगों ने अपने मोबाइल फ़ोन में रिकॉर्ड कर लिया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
ड्राइवर सुभान खान के साथ-साथ जेसीबी मालिक वेंकटरमन की भी सोशल मीडिया पर खूब तारीफ़ हो रही है। पूर्व मंत्री केटीआर, निरंजन रेड्डी, पुव्वाड़ा अजय समेत कई लोगों ने उनकी तारीफ़ की है। बीआरएस नेता कृषांक ने यह वीडियो एक्स पर पोस्ट करके लिखा कि कांग्रेस सरकार बाढ़ पीड़ितों को बचाने में नाकाम रही है। वहीं, रेवंत रेड्डी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सुभान भाई ने बुलडोज़र से सिर्फ़ घर तोड़कर लोगों को बेघर ही नहीं किया, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि इससे जान भी बचाई जा सकती है।
राजनीति की बात छोड़ दें, तो... रोज़गार की तलाश में दूर-दराज़ से आए सुभानी ने 9 लोगों की जान बचाई है। जिन लोगों को सुभानी ने बचाया, उनका कहना है कि भगवान ने उन्हें बचाने के लिए ही सुभानी को यहाँ भेजा होगा। सुभानी का भी कहना है कि अगर मैं भी डर जाता, तो मेरी जान तो वैसे भी चली जाती... लेकिन मैंने हिम्मत करके 9 लोगों की जान बचाई। जेसीबी मालिक वेंकटरमन का कहना है कि लाखों की जेसीबी से बढ़कर इंसान की जान कीमती होती है।