सार
जेपी नड्डा ने भारतीय जनता पार्टी का अध्यक्ष पद संभाला। अमित शाह के करीब 6 साल तक कमान संभालने के बाद जेपी नड्डा को यह जिम्मेदारी दी गई। केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियों ने जेपी नड्डा को बधाई देते हुए कहा, जब धोनी रिटायर होते हैं तो विरोट कोहली उनकी जगह संभालते हैं।
नई दिल्ली. जेपी नड्डा ने भारतीय जनता पार्टी का अध्यक्ष पद संभाला। अमित शाह के करीब 6 साल तक कमान संभालने के बाद जेपी नड्डा को यह जिम्मेदारी दी गई। केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियों ने जेपी नड्डा को बधाई देते हुए कहा, जब धोनी रिटायर होते हैं तो विरोट कोहली उनकी जगह संभालते हैं। यही पूरी प्रक्रिया है।
"4-5 पीढ़ियां खप गई थीं"
जेपी नड्डा के अध्यक्ष बनने के बाद पीएम मोदी ने कहा, जिन आदर्शों और मूल्यों को लेकर हम चले थे, जिनके लिए 4-5 पीढ़ियां खप गई थीं। आज हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि उन्हीं आदर्शों और मूल्यों को लेकर भाजपा राष्ट्र की आशा-अपेक्षाओं के अनुरूप खुद को ढालेगी।
- प्रारंभ से ही पार्टी का स्वभाव रहा कि होरिजोंटली पार्टी का जितना विस्तार हो और कार्यकर्ता का वर्टिकल विस्तार होता रहे। उसी परंपरा के कारण भाजपा को नई-नई पीढ़ी मिल रही है। जो पार्टी को आगे बढ़ाने में सफल होती है।
- केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने जेपी नड्डा को बधाई देते हुए कहा कि उनमें संगठनात्मक खूबियां हैं। सबको साथ लेने की क्षमता है। वे वर्षों से भाजपा के साथ जुड़े हैं। उनकी अगुवाई में पार्टी नई ऊंचाईयों पर ले जाएंगे।
कौन हैं जेपी नड्डा?
पटना में 1960 में जन्में जगत प्रकाश नड्डा ने बीए और एलएलबी की परीक्षा पटना से पास की थी। शुरू से ही वे एबीवीपी से जुड़े थे। नड्डा जब 17 साल के थे तो जेपी आंदोलन से जुड़ गए। लिहाजा, राजनीति का ककहरा मंझे राजनेताओं के दौर में सीखने को मिला। इसके बाद सीधे छात्र राजनीति से जुड़ गए। 1982 में उन्हें हिमाचल में विद्यार्थी परिषद का प्रचारक बनाकर भेजा गया। वहां छात्रों के बीच नड्डा ने ऐसी लोकप्रियता हासिल कर ली थी कि उनके नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार एबीवीपी ने जीत हासिल की।