सार
तमिलनाडु के कुड्डलूर जिले के कल्लाकुरिची में 12th की छात्रा की संदिग्ध मौत को लेकर मचे हंगामे के बीच आज(23 जुलाई) को उसे अंतिम विदाई देने हजारों लोग उमड़ पड़े। उसका शव रेसिडेंसियल स्कूल के हॉस्टल कैम्पस में 12 जुलाई को मिला था।
कुड्डालोर, तमिलनाडु. जिले के कृषि प्रधान पेरियानसल्लूर गांव के हजारों लोग शनिवार को 12वीं क्लास की उस छात्रा को भावभीनी विदाई देने में उमड़ पड़े, जिसका शव 13 जुलाई को कल्लाकुरिची में उसके रेसिडेंसियल स्कूल के हॉस्टल कैम्पस में मिला था। गमगीन पिता अपनी बेटी की मौत के लिए इंसाफ की मांग करते देखा गया। छात्रा को पड़ोसी गांवों के लोगों ने भी श्रद्धांजलि दी। शनिवार सुबह करीब साढ़े दस बजे शुरू हुए अंतिम संस्कार के दौरान मृतका का छोटा भाई और परिवार के अन्य सदस्य मौजूद थे। पढ़िए पूरा घटनाक्रम...
10 दिनों से मर्चुरी में रखा था शव
छात्रा के शव को कल्लाकुरिची सरकारी अस्पताल से एम्बुलेंस में लाया गया था, जहां उसे पिछले 10 दिनों से रखा गया था। पहले फैमिली ने शव लेने से इनकार कर दिया था। वे इस मामले की जांच को लेकर संतुष्ट नहीं थे। हालांकि बाद में सरकार के वादे के वाद मां ने अंतिम संस्कार करने के लिए बॉडी स्वीकार करने वाले कागजात पर हस्ताक्षर कर दिए। शुक्रवार को मद्रास हाईकोर्ट ने शव स्वीकार करने में देरी पर सवाल उठाए थे। इसके बाद लड़की के माता-पिता शव लेने सहमत हुए। इस बीच तिरुचिरापल्ली बाईपास रोड पर वेप्पुर से करीब 10 किलोमीटर दूर रास्ते में लड़की के शव को ले जा रही एम्बुलेंस और पुलिस के एस्कॉर्ट वाहन की कंटेनर लॉरी से टक्कर हो गई, लेकिन किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
अंतिम संस्कार के समय शव के पास रखी गई बायोलॉजी की बुक
राज्य सरकार की ओर से श्रम मंत्री सीवी गणेशन भी उन लोगों में शामिल थे, जिन्होंने अंतिम संस्कार के लिए जुलूस में ले जाने से पहले गांव में रखी गई लड़की के शव को श्रद्धांजलि दी। लड़की के शरीर को नए कपड़ों में लपेटा गया था और अंतिम संस्कार से पहले उसके बगल में एक जीव विज्ञान(biology) की किताब रखी गई।
बता दें कि कल्लाकुरिची जिले के कनिमयूर में एक मैट्रिक स्कूल के कक्षा 12 के छात्र को 12 जुलाई को स्कूल के छात्रावास परिसर में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाया गया। इसके बाद भारी विरोध प्रदर्शन और हिंसा हुई थी। परिजनों ने स्कूल के टीचरों पर उसे टॉर्च करने का आरोप लगाया है। उन्होंने बॉडी क्लेम करने से मना कर दिया था। यहां तक कि अदालत से अपनी पसंद के डॉक्टर की उपस्थिति में फिर से पोस्टमॉर्टम के लिए हस्तक्षेप करने की मांग उठाई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया था। इस घटना के बाद 17 जुलाई को हिंसा हुई थी और स्कूल में तोड़फोड़ की गई थी। मद्रास हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पुडुचेरी स्थित जिपमेर के डॉक्टरों की एक टीम को लड़की की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का एनालिसिस करने और एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
पिता ने लगाया है साजिश का आरोप
पीड़िता के पिता 47 वर्षीय पिता रामलिंगम ने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी चिन्नासलेम के कनियामूर में शक्ति मैट्रिकुलेशन हायर सेकेंडरी स्कूल की छात्रा थी। जिस स्थान पर वह गिरी थी, वहां खून नहीं था। उसके और किसी के बीच संघर्ष के संकेत भी नहीं थे। हां, उसकी पूरी बॉडी पर चोट के निशान जरूर थे। स्कूल की दीवार पर खून के निशान थे। लड़की की 12 जुलाई को उसके छात्रावास में मौत हो गई थी। उसके कमरे से एक नोट मिला था, जिसमें उसने आरोप लगाया था कि स्कूल के दो शिक्षकों ने उसे प्रताड़ित किया। इससे वो सुसाइड कर रही है। पुलिस ने दो शिक्षकों सहित स्कूल के प्रिंसिपल, सेक्रेटरी समेत तीन अधिकारियों को गिरफ्तार किया है।
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