सार
केरल विमान हादसे से 2 पायलेट समेत 18 लोगों की मौत
हादसे पर बोले - कैप्टन मोहन रंगनाथन
'9 साल पहले ही मैंने कहा था कि, करीपुर हवाई अड्डा असुरक्षित है'
'यहां लैंडिंग की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए'
चेन्नई: केरल विमान हादसे को लेकर तमाम तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। इस दुर्घटना में दो पायलट समेत 18 लोगों की मौत हो गई है। इस पूरे मामले पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से गठित सुरक्षा सलाहकार समिति के सदस्य कैप्टन मोहन रंगनाथन ने तीथी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, '9 साल पहले ही मैंने कहा था कि, करीपुर हवाई अड्डा असुरक्षित है और यहां लैंडिंग की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, खासतौर बारिश के समय यहां की स्थिति ज्यादा खराब हो जाती है।
कैप्टन मोहन रंगनाथन ने कहा कि, मैंगलोर दुर्घटना के बाद जारी की गई मेरी चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया गया। यह एक टेबलटॉप रनवे है जिसमें एक डाउनस्लेप है। रनवे के अंत में बफर जोन भी अपर्याप्त है। वहीं, रनवे के आखिर में 240 मीटर का एक बफर होना चाहिए, लेकिन इसमें केवल 90 मीटर (जिसे DGCA ने मंजूरी दी थी) है। उन्होंने कहा, इसके अलावा, रनवे के दोनों ओर 100 मीटर की जगह देनी होती है, लेकिन यहां सिर्फ 75 मीटर है।'
कैप्टन मोहन रंगनाथन ने पहले ही दी थी चेतावनी
बता दें कि, कैप्टन मोहन रंगनाथन ने 17 जून, 2011 के पत्र में नागरिक उड्डयन सुरक्षा सलाहकार समिति (CASAC) के अध्यक्ष को कहा था कि, “रनवे एंड सेफ्टी एरिया (RESA)को देखते हुए रनवे 10 की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। 240 मीटर के आरईएसए को तुरंत शुरू किया जाना चाहिए और परिचालन को सुरक्षित बनाने के लिए रनवे की लंबाई को कम करना होगा।’
क्या है पूरा मामला
दुबई से आ रहा एयर इंडिया का विमान शुक्रवार शाम को केरल में कोझिकोड (Kozhikode) हवाई पट्टी से फिसल कर खाई में गिर गया और दो हिस्सों में टूट गया। इस दुर्घटना में 18 लोगों की मौत हो गई। बता दें कि, केरल के चार हवाई अड्डों में से, कोझिकोड हवाई अड्डा सबसे छोटा रनवे है। पिछले दिनों लगातार बारिश से रनवे को भारी नुकसान भी पहुंचा है।