सार

केरल और तमिलनाडु के महामहिम सरकार के Target पर आ गए हैं। केरल कैबिनेट ने आरिफ मोहम्मद खान को राज्य विश्वविद्यालयों के चांसलर के पद से हटाने के लिए एक अध्यादेश पारित करने का फैसला किया। उधर, तमिलनाडु सरकार ने राज्यपाल आरएन रवि को संवैधानिक पद के लिए अयोग्य करार दिया है। 

पॉलिटिकल डेस्क. केरल और तमिलनाडु के महामहिम अपने-अपने राज्यों की सरकार के Target पर आ गए हैं। दोनों ही राज्यों की सरकारें अपने-अपने यहां के राज्यपालों के खिलाफ मोर्चा खोलकर बैठ गई हैं। गवर्नर के साथ सरकार की बिलकुल पटरी नहीं बैठ रही है। केरल कैबिनेट ने बुधवार को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को राज्य विश्वविद्यालयों के चांसलर के पद से हटाने के लिए एक अध्यादेश(ordinance) पारित करने का फैसला किया। उधर, तमिलनाडु सरकार ने राज्यपाल आरएन रवि को संवैधानिक पद के लिए अयोग्य करार दिया है। सरकार का आरोप है कि राज्यपाल विधेयकों को मंजूरी देने में बेवजह देरी करते हैं।

केरल में आखिर हंगामा क्यों है बरपा?
केरल कैबिनेट ने बुधवार को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को राज्य विश्वविद्यालयों के चांसलर के पद से हटाने के लिए एक अध्यादेश(ordinance) पारित करने का फैसला किया है।सूत्रों के अनुसार, लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) सरकार चांसलर को एक एक्सपर्ट से रिप्लेस करने का इरादा रखती है। बुधवार को कैबिनेट की बैठक में लॉ डिपार्टमेंट के प्रस्तावित अध्यादेश पर चर्चा हुई। यूनिवर्सिटीज के चांसलर्स के रूप में आरिफ मोहम्मद खान ने 11 राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसे कुलपतियों ने अदालत में चुनौती दी थी। इसमें दावा किया गया कि नोटिस अवैध और शून्य था।

जानिए क्यों तूल पकड़ रहा विवाद: 21 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने एपीजे अब्दुल कलाम टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति की नियुक्ति को पलट दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि राज्य द्वारा स्थापित सर्च कमेटी को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा कम से कम इंजीनियरिंग विज्ञान के क्षेत्र में तीन योग्य व्यक्ति के एक पैनल की सिफारिश भेजने की जरूरत थी, लेकिन इसके बजाय सिर्फ एक नाम भेजा था। इसी के आधार पर गवर्नर ने कुलपतियों से इस्तीफा मांगा था। क्लिक करके पढ़ें  ये खबर

कुल मिलाकर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है। वामपंथी सरकार का नेतृत्व कर रहे पिनाराई विजयन राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के इस्तीफा को लेकर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान पर लगातार निशाना साध रहे हैं।  क्लिक करके पढ़ें ये खबर

तमिलनाडु सरकार ने राज्यपाल को बताया शांति के लिए खतरा
इधर तमिलनाडु सरकार और राज्यपाल आरएन रवि के बीच पटरी नहीं बैठ रही है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली पार्टी ने राज्यपाल आरएन रवि को संवैधानिक पद के लिए अयोग्य करार दिया है। राज्यपाल  पर आरोप लगाया है कि वे विधेयकों को मंजूरी देने में बेवजह देरी करते हैं। सत्तारूढ़ पार्टी डीएमके ने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को एक ज्ञापन सौंपकर कहा कि वे लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को लोगों की सेवा करने से रोकते हैं। लिहाज उन्हें हटाया जाए। डीएमके ने इस महीने की शुरुआत में समान विचारधारा वाले सभी सांसदों को पत्र लिखकर आरएन रवि को हटाने के प्रस्ताव का समर्थन करने का अनुरोध किया था। कहा जा रहा है कि 20 विधेयकों को राज्यपाल की मंजूरी का इंतजार है। इसमें देरी से सरकार नाराज है।

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