सार

बेंगलुरु में असदुद्दीन ओवैसी के मंच से लड़की ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाया था। अब इस घटना पर कुमार विश्वास ने निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, "एक सांसद के सामने पाक ज़िंदाबाद बोला जाता है।

नई दिल्ली. बेंगलुरु में असदुद्दीन ओवैसी के मंच से लड़की ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाया था। अब इस घटना पर कुमार विश्वास ने निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, "एक सांसद के सामने पाक ज़िंदाबाद बोला जाता है। चुनावी दिल्ली में एक पार्टी के अमानती गुंडे की शह पर एक पढ़ा-लिखा जाहिल खुलेआम भारत से असम को काटने की बात करता है। निर्वाचित सांसद राजधानी में गोली मारो चिल्लाते है। इस सब से नहीं बल्कि सामने खड़े हजारों की खामोशी से नाराज हूं।

आरोपी लड़की अमूल्या को न्यायिक हिरासत में भेजा गया
मंच से पाकिस्तान जिंदाबाद लगाने वाली लड़की का नाम अमूल्या है। उसपर  भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए (देशद्रोह) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया। अब उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

अमूल्या ने मंच से क्या कहा था?
असदुद्दीन ओवैसी मंच पर मौजूद थे, तभी वहां मौजूद लड़की ने माइक हाथ में लिया और बोलने लगी, हिंदुस्तान जिंदाबाद और पाकिस्तान जिंदाबाद के बीच फर्क है। इससे पहले कि वह अपनी बात पूरी करती, वहां मौजूद आयोजकों ने उससे माइक छीनने की कोशिश की। कुछ देर बाद वहां पुलिस पहुंच गई और उसे हिरासत में ले लिया। लड़की का नाम अमूल्य बताया जा रहा है। 

पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगने के बाद ओवैसी ने क्या कहा?
ओवैसी ने कहा, "न तो मेरा और न ही मेरी पार्टी का इस लड़की से कोई संबंध है। आयोजकों को उसे यहां नहीं बुलाना चाहिए था। मुझे यह पता होता तो मैं यहां नहीं आता। हम भारत के लिए हैं हम किसी भी तरह दुश्मन देश का समर्थन नहीं करते हैं। हमारा पूरा आंदोलन भारत को बचाने के लिए है।"

ओवैसी की पार्टी के वारिस पठान ने भी दिया था विवादित बयान
ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रवक्ता वारिश पठान ने भी विवादित बयान दिया था। उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी के सामने ही हिंदुओं को धमकी दी थी। उन्होंने कहा था, "आजादी लेनी पड़ेगी और जो चीज मांगने से नहीं मिलती उसे छीनकर लेना पड़ेगा। हम (मुसलमान) 15 करोड़ हैं, लेकिन 100 करोड़ (हिंदू) पर भारी हैं। उन्होंने शाहीन बाग में बैठी महिलाओं को शेरनियां बताया। वारिस फठाने कहा, "हमको कह रहे हैं कि अपनी मां-बहनों को आगे भेज दिया और खुद छिप गए हैं। अभी तो सिर्फ शेरनियां बाहर निकली हैं और तुम्हारे पसीने छूट गए। समझ लो कि अगर हम लोग साथ में आ गए तो क्या होगा?" बता दें कि दिल्ली के शाहीन बाग में करीब दो महीने से नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने विरोध प्रदर्शन खत्म करने के लिए वार्ताकारों की एक टीम तैयार की है। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से बात भी की, लेकिन धरने पर बैठे लोग अपनी मांग पर अड़े रहे।