सार

सामूहिक विनाश के हथियारों की बिक्री और इनके वित्तपोषण करने वालों के खिलाफ केंद्र सरकार ने कड़े कानून की तैयारी की है। इसी को देखते हुए आज लोकसभा में इससे संबंधित विधेयक पास हो गया। यानी ऐसे लोगों पर अब केंद्र सरकार और भी सख्ती कर सकेगी।  

नई दिल्ली। मंगलवार को लोकसभा में पेश हुआ ‘सामूहिक संहार के आयुध और उनकी वितरण प्रणाली (Weapons of Mass Destruction and their Delivery Systems) संशोधन विधेयक, 2022’ आज लोकसभा में पास हो गया। इस बिल में सामूहिक संहार के हथियारों एवं उनसे जुड़ी प्रणालियों के प्रसार के वित्त पोषण करने को रोकने का प्रावधान है। यह पूरी कवायद देश के अंदर बैठकर बाहरी तत्वों द्वारा देश में आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों पर कार्रवाई के लिए की गई है।   

मंगलवार को लोकसभा में पेश हुआ था विधेयक
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को लोकसभा में यह बिल पेश किया था। दोनों सदनों के इस बिल के पास होने से केंद्र को ऐसी गतिविधियों में शामिल लोगों की संपत्ति और आर्थिक संसाधनों को जब्त करने का अधिकार मिल जाएगा। मंगलवार को पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर विपक्ष के हंगामे के बीच यह बिल पेश किया गया था। बुधवार को इसे लोकसभा की मंजूरी भी मिल गई।  

मौजूदा कानून को कड़ा करने नई धारा डाली
लोकसभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में सामूहिक विनाश के हथियारों का प्रसार और अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा इनका वितरण काफी बढ़ गया है। इसीलिए इन पर शिकंजा कसने की जरूरत है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के वित्तीय प्रतिबंधों और वित्तीय कार्रवाई टास्क फोर्स की सिफारिशों ने सामूहिक विनाश के हथियारों और उनके वितरण प्रणालियों के प्रसार के वित्तपोषण के खिलाफ अनिवार्य किया है। उन्होंने बताया कि इस बिल में मौजूदा कानून में एक नई धारा 12ए डाली गई है। इसके जरिये कोई भी व्यक्ति किसी भी सामूहिक विनाश के हथियारों संबंधित किसी गतिविधि को वित्तपोषित नहीं कर सकेगा।  

यह कार्रवाई हो सकेगी
इस तरह की गतिविधियों में यदि किसी व्यक्ति की संलिप्तता स्पष्ट होती है तो इसमें केंद्र सरकार कड़ी कार्रवाई कर सकेगी। ऐसे लोगों के वित्तीय परिसंपत्तियों या आर्थिक संसाधनों पर रोक लगाना, इनका अधिग्रहण करना या कुर्की करने का अधिकार केंद्र को दिया गया है। यानी की यह कानून इस तरह की गतिविधियों में लिप्त लोगों की नींद हराम करने वाला है। 

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