सार
महाराष्ट्र में दिनभर चली रस्साकसी के बावजूद सरकार बनने का रास्ता साफ होते नहीं दिख रहा है। महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक बैठकों के दौर के बाद भी शिवसेना के लिए राह आसान नहीं दिख रही है।
मुंबई. महाराष्ट्र में दिनभर चली रस्साकसी के बावजूद सरकार बनने का रास्ता साफ होते नहीं दिख रहा है। महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक बैठकों के दौर के बाद भी शिवसेना के लिए राह आसान नहीं दिख रही है। इससे पहले आदित्य ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना के प्रतिनिधि मंडल से राज्यपाल ने मुलाकात की। आदित्य ने और 48 घंटे का समय मांगा। मगर राज्यपाल ने देने से इनकार किया।
मुलाकात के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में आदित्य ने कहा, ''राज्यपाल ने समय नहीं दिया पर हमारा दावा अभी खारिज नहीं हुआ है।" हालांकि अभी तक गवर्नर हाउस से किसी तरह का बयान नहीं आया।
कांग्रेस का रुख साफ नहीं
इससे पहले कांग्रेस में दिनभर बैठकों का दौर चला। दिल्ली में सोनिया गांधी के घर पर पदाधिकारियों और महाराष्ट्र कांग्रेस नेताओं की बैठक हुई। हालांकि, बैठक के बाद भी कांग्रेस शिवसेना को समर्थन देने को लेकर अपनी स्थिति साफ नहीं कर पाई है। कांग्रेस ने बयान जारी कर कहा कि महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक गतिविधियों पर चर्चा हुई। इसे लेकर एनसीपी के साथ भी बातचीत हुई। हालांकि, एनसीपी से अभी बात और बाकी है।
पहले शरद पवार से मिले उद्धव फिर सोनिया से की बात
गठबंधन को लेकर राज्य में दिनभर बैठकों का दौर जारी रहा। महाराष्ट्र में जारी सियासी गतिरोध दिल्ली तक पहुंच गया। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सोनिया गांधी और उद्धव ठाकरे के बीच फोन पर बातचीत हुई।
एनसीपी समर्थन देने के संकेत दे चुकी है
एनसीपी पहले ही शिवसेना को समर्थन देने का संकेत दे चुकी है। उधर, कांग्रेस के 44 में से 37 विधायक भी शिवसेना को समर्थन देने के पक्ष में हैं। अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मंजूरी के बाद महाराष्ट्र में स्थिति साफ हो सकती है। एनसीपी ने भी कांग्रेस के पाले में गेंद डाल दी है।
एनसीपी ने रखी शर्त
एनसीपी ने शिवसेना को समर्थन देने से पहले शर्त रखी है। एनसीपी नेता नवाब मालिक ने कहा कि अगर शिवसेना हमारा समर्थन चाहती है तो उसे भाजपा से रिश्ते खत्म करने होंगे। साथ ही एनडीए से बाहर आकर केंद्रीय मंत्रिमंडल भी छोड़ना होगा। मोदी कैबिनेट में शिवसेना कोटे के मंत्री अरविंद सावंत ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने भाजपा पर शिवसेना को धोखा देने का आरोप लगाया। शिवसेना ने एनसीपी की शर्त मानते हुए सोमवार को एनडीए से बाहर आ गई।
मुख्यमंत्री पद पर आश्वासन चाहती है शिवसेना
शिवसेना ने भी रखी शर्त शिवसेना ने कहा कि पार्टी एनडीए से तभी बाहर आएगी, जब उसे मुख्यमंत्री पद को लेकर एनसीपी और कांग्रेस उसे आश्वासन दे देती है।